" कांग्रेस की नई और पुरानी पीढ़ी पर नेताओं का सोशल मीडिया वार फिर हुआ सार्वजनिक"
कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी के अंतिम कार्यकाल के खत्म होने का वक्त आ गया है l सोनिया गांधी का अंतरिम कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है l लेकिन इससे पहले कांग्रेस की नई और पुरानी पीढ़ी के नेता खुलकर एक दूसरे के खिलाफ सोशल मीडिया पर तीखे वार कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राज्यसभा सांसदों की पिछले दिनों बुलाइ बैठक में राज्यसभा सांसद राजीव सातव ने UPA 2 सरकार के वक्त मंत्री रहे कई वरिष्ठ नेताओं पर पार्टी की इस हालत का जिम्मेदार ठहराया था...बैठक में 2दिन बाद आज UPA सरकार में मंत्री रहे मनीष तिवारी ने ट्वीट कर इशारों में राजीव सातव को जवाब दिया है। मनीष तिवारी अपने ट्वीट में लिखते हैं कि भाजपा 2004-14 के बीच सत्ता से बाहर थी। एक बार भी उन्होंने कभी वाजपेयी या उनके सरकार को पार्टी की स्थिति के लिए जिम्मेदार नही ठहराया।
कांग्रेस में दुर्भाग्य से कुछ बीमार लोग डॉ मनमोहन सिंह से लड़ना शुरू कर दिया, NDA / BJP से लड़ने के बजाय पूर्व के UPA सरकार से लड़ना शुरू कर दिया है। अभी जब साथ मिलकर चलने का वक्त है तो विभाजन जैसी सोच पाल रहे हैं। मनीष तिवारी के इस ट्वीट के बाद राजीव सातव ने भी ट्वीट किया...और बताया जा रहा है कि ये मनीष तिवारी के ट्वीट के बाद का जवाबी ट्वीट है। राजीव सातव का ट्वीट-- मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहाँ तक है
तु सितम कर ले, तेरी ताक़त जहाँ तक है,
व़फा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी
हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहाँ तक है। सूत्रों की माने तो सोनिया गांधी ने सांसदों के साथ जो बैठक की थी उसमें राजीव सातव ने खुल कर उन नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोला जो UPA 2 सरकार में मंत्री थे,जिससे कई वरिष्ठ नेता नाराज़ भी हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के कई बड़े नेताओं का मानना है कि आज के युवा नेता बिना फैक्ट के बात करते हैं, वो UPA सरकार पर निशाना साध रहे हैं, उस समय कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी थी,UPA चेयरपर्सन सोनिया गांधी थी...UPA सरकार के दौरान राहुल गांधी पहले कांग्रेस के महासचिव और फिर 2013 में कांग्रेस के उपाध्यक्ष बने। अगर युवा नेता पूर्व PM मनमोहन सिंह और मंत्रियों पर उँगली उठा रहे हैं तो कुछ उंगलियां तो नेतृत्व पर भी उठ रही है। ग़ौरतलब है कि 2014, 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद से और राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर कांग्रेस के युवा और वरिष्ठ नेता कई बार आमने-सामने आए। पार्टी में जनरेशन क्लेश कई बार दिखा और पार्टी इससे लगातार कमज़ोर होती जा रही है।
कांग्रेस में दुर्भाग्य से कुछ बीमार लोग डॉ मनमोहन सिंह से लड़ना शुरू कर दिया, NDA / BJP से लड़ने के बजाय पूर्व के UPA सरकार से लड़ना शुरू कर दिया है। अभी जब साथ मिलकर चलने का वक्त है तो विभाजन जैसी सोच पाल रहे हैं। मनीष तिवारी के इस ट्वीट के बाद राजीव सातव ने भी ट्वीट किया...और बताया जा रहा है कि ये मनीष तिवारी के ट्वीट के बाद का जवाबी ट्वीट है। राजीव सातव का ट्वीट-- मत पूछ मेरे सब्र की इन्तेहा कहाँ तक है
तु सितम कर ले, तेरी ताक़त जहाँ तक है,
व़फा की उम्मीद जिन्हें होगी, उन्हें होगी
हमें तो देखना है, तू ज़ालिम कहाँ तक है। सूत्रों की माने तो सोनिया गांधी ने सांसदों के साथ जो बैठक की थी उसमें राजीव सातव ने खुल कर उन नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोला जो UPA 2 सरकार में मंत्री थे,जिससे कई वरिष्ठ नेता नाराज़ भी हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के कई बड़े नेताओं का मानना है कि आज के युवा नेता बिना फैक्ट के बात करते हैं, वो UPA सरकार पर निशाना साध रहे हैं, उस समय कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी थी,UPA चेयरपर्सन सोनिया गांधी थी...UPA सरकार के दौरान राहुल गांधी पहले कांग्रेस के महासचिव और फिर 2013 में कांग्रेस के उपाध्यक्ष बने। अगर युवा नेता पूर्व PM मनमोहन सिंह और मंत्रियों पर उँगली उठा रहे हैं तो कुछ उंगलियां तो नेतृत्व पर भी उठ रही है। ग़ौरतलब है कि 2014, 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद से और राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर कांग्रेस के युवा और वरिष्ठ नेता कई बार आमने-सामने आए। पार्टी में जनरेशन क्लेश कई बार दिखा और पार्टी इससे लगातार कमज़ोर होती जा रही है।
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