मज़दूरों की वापसी पर राज्य सरकारों ने केंद्र को घेरा, विशेष ट्रेन चलाने की मांग

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 1319

States seek special trains from the centre to tran
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रवासी मज़दूरों की वापसी की ज़िम्मेदारी राज्य सरकारों के कंधों पर डाल दी है जिससे टकराव बढ़ता जा रहा है. कई राज्यों ने मज़दूरों को बसों से लाने से साफ इनकार कर दिया है और केंद्र सरकार से इनके लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग की है.

दक्षिण भारत के राज्य केरल में 20 हज़ार 826 कैंपों में 3 लाख 60 हज़ार प्रवासी मज़दूर रह रहे हैं. इनमें ज़्यादातर पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा, बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं जो अपने घर जाना चाहते हैं.


केरल के सीएम पिनरई विजयन ने कहा कि कई राज्यों से होते हुए इतनी लंबी दूरी बसों से तय करना इन मज़दूरों के लिए मुमकिन नहीं है. इसमें बड़े पैमाने पर संसाधनों को झोंकना होगा, लोगों को बेहद परेशानी उठानी होगी और संक्रमण फैलने का ख़तरा भी बना रहेगा.

पिनरई विजयन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि प्रवासी मज़दूरों को उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए भारतीय रेल को स्पेशल नॉन स्टॉप ट्रेनें चलानी चाहिए. केरल सरकार के मुख्य सचिव टॉम जोस ने केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को सारी स्थिति एक चिट्ठी भेजकर बता दी है.

केरल के वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि एक राज्य से दूसरे राज्य में पलायन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पलायन केंद्र सरकार का विषय है लेकिन केंद्र सरकार अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग रही है और इसे राज्य सरकारों के कंधों पर थोप रही है. केंद्र सरकार को प्रवासी मज़दूरों के लिए ट्रेनें चलानी चाहिए और इनके पुनर्वास के लिए एक पैकेज का ऐलान भी करना चाहिए.

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर साफ कर दिया है कि लॉकडाउन की वजह से जितनी बड़ी संख्या में मज़दूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं, उन्हें बसों से लाना मुमकिन नहीं हैं. कैप्टन ने मांग की है कि मज़दूरों के लिए विशेष इंतज़ाम किए जाएं.

में जेडीयू-बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार है जिसने मज़दूरों को वापस लाने से हाथ खड़े कर दिए हैं. बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे लाखों अप्रवासी मज़दूरों और छात्रों को बसों में भरकर वापस वापस लाना मुमकिन नहीं है. उन्होंने इनके लिए विशेष ट्रेन चलाए जाने की मांग की है. बिहार के सिर्फ रजिस्टर्ड मज़दूरों की संख्या 25 लाख है.

कांग्रेस लीडर अधीर रंजन चौधरी ने भी पीएम मोदी से अपील की है कि वो देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों की ट्रेनों से वापसी सुनिश्चित कराएं.

इस बीच तेलंगाना के लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया के लिए एक विशेष ट्रेन 1200 मज़दूरों को लेकर शुक्रवार सुबह 4 बजकर 50 मिनट पर निकली है. तेलंगाना सरकार की अपील पर रेल मंत्रालय ने यह फैसला लिया है. इस ट्रेन के चलने के बाद अप्रवासी मज़दूरों के लिए और ट्रेनें चलाए जावने की उम्मीद बढ़ गई है.

 

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