2019 का नोबेल शांति पुरस्कार इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबीय अहमद को दिया जाएगा
नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा नोबेल कमिटि ने कर दी है। ये पुरस्कार इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबीय अहमद को दिया जाएगा। नॉर्वे की नोबेल कमिटि ने ये घोषणा की है। आइये देखते हैं इस पुरस्कार की विजेता रेस में कौन-कौन सी शख्सियत शामिल थे।
अबीय अहमद इथियोपिया के प्रधानमंत्री, जिन्होंने साल 2018 में इथियोपिया और अपने पड़ोसी देश इरेरिया के बीच 20 साल के सैन्य गतिरोध को समाप्त कर दिया था। TIME के अनुसार इथियोपिया की आजादी के पांच साल बाद 1998 में सीमा विवाद शुरू हो गया जिसमें करीब 70,000 लोग मारे गए थे। हालांकि साल 2018 में अहमद के पद संभालने के बाद से हजारों राजनीतिक कैदियों की रिहाई कर दी गई है।
ग्रेटा थंबर्ग नोबेल के शांति पुरस्कार की रेस में स्वीडन की ग्रेटा थंबर्ग भी शामिल हैं। 16 वर्षीय ग्रेटा ने ऐतिहासिक क्लाइमेट चेंज स्ट्राइक में लाखों लोगों का नेतृत्व किया।
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— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 11, 2019
The Norwegian Nobel Committee has decided to award the Nobel Peace Prize for 2019 to Ethiopian Prime Minister Abiy Ahmed Ali.#NobelPrize #NobelPeacePrize pic.twitter.com/uGRpZJHk1B
ग्रेटा थंबर्ग नोबेल के शांति पुरस्कार की रेस में स्वीडन की ग्रेटा थंबर्ग भी शामिल हैं। 16 वर्षीय ग्रेटा ने ऐतिहासिक क्लाइमेट चेंज स्ट्राइक में लाखों लोगों का नेतृत्व किया।
जैसिंडा अर्डर्न
दूसरा नाम है न्यूज़िलैंड के जसिंडा एंड्रन का जो न्यूजिलैंड के 40वें प्रधानमत्री रह चुके हैं। उन्होंने ऑटोमेटिक और सेमि-ऑटोमेटिक हथियारों पर पाबंदी लगाने के लिये एक
कानून बनाया था जिसमें इस प्रकार के हथियारों पर पाबंदी लगा दी गई थी।
एक क्राइस्टचर्च पर हमला किया गया था जिसमें 50 लोग मारे गए थे। इसके बाद ही न्यूजिलैंड के तत्कालीन प्रधानमंत्री रहे जसिंडा एंड्रन ने पाबंदी लगई थी।
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर
ये एक सबसे बड़ी गैर सरकारी संगठन है, जो प्रेस की स्वतंत्रता के लिये हमेशा आवाज़ उठाता है। पिछले साल इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास के अंदर वाशिंगटन पोस्ट के एक पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या कर दी गई थी। जमाल खशोगी की हत्या के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने में सबसे 'रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर' संस्था थी।
हाल ही में आरएसएफ ने एक याचिका दायर की है जिसमें सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से उन 28 पत्रकारों की रिहाई की मांग की गई है। यूएसए टुडे की वेबसाइट के मुताबिक मोहम्मद बिन सलमान के क्राउन प्रिंस घोषित किये जाने के बाद से हिरासत में लिये गए पत्रकारों की संख्या दोगुनी हो गई है।
और
रौनी मेटुक्वायर
अमेज़न रेन फॉरेस्ट की रक्षा करने के लिये 89 वर्षीय रौनी मेटुक्वायर भी नोबेल शांति पुरस्कार की विजेता लिस्ट में शामिल थीं।
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