इस दिवाली रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाली सभी चीज़े महंगी
दिवाली का मौका है लेकिन पहले से आर्थिक सुस्ती की मार झेल रहे बाजारों में दिवाली जैसी रौनक नहीं लग रही है। पिछली दिवाली के मुकाबले इस साल दिवाली लोगों की जैब पर असर ड़ाल रही है। consumer affairs department के मुताबिक पिछले त्यौहार के सीज़न के मुकाबले इस के त्यौहार के सीज़न में आवश्यक चीजों के दाम में बढ़ोतरी हुई है….. रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाली खान पान की चीजें जैसे आटा, दाल, चावल, चीनी, दूध, नमक के दामों में पिछले साल के मुकाबले बढोतरी हुई है। सबसे ज्यादा बढ़ोतरी अरहर की दाल और दूध के दामों में हुई है।
consumer affairs department के मुताबिक दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में अक्टूबर 2018 में दाल के दाम लगभग न्यूनतम 64 रुपये से अधिकतम 82 रुपये तक थे जबकि अक्टूबर 2019 में ये न्यूनतम 75 रुपये से अधिकतम 97 रुपये तक पहुंच गए है।
इसी तरह दूध के दाम भी अक्टूबर 2018 में न्यूनतम 37 रुपये से अधिकतम 42 रुपये तक थे जबकि अक्टूबर 2019 में ये न्यूनतम 38 रुपये से अधिकतम 44 रुपये तक पहुंच गए है। चावल के दाम अक्टूबर 2018 में न्यूनतम 30 रुपये से अधिकतम 32 रुपये तक थे जबकि अक्टूबर 2019 में ये न्यूनतम 30 रुपये से अधिकतम 42 रुपये तक हो गये है। चीनी के दाम अक्टूबर 2018 में न्यूनतम 37 रुपये से अधिकतम 39 रुपये तक थे जबकि अक्टूबर 2019 में ये न्यूनतम 38 रुपये से अधिकतम 41 रुपये तक हो गये है। वहीं गेंहू के आटे के दाम भी पिछले साल 22 रुपये प्रतिकिलो से बढ़कर 36 रुपये प्रतिकिलो तक पहंुच गए है। मूलभूत ज़रोरतों पर लगातार कीमतों का बढ़ना देश के मध्यम वर्ग की परेशानी का सबब बन रहे हैं… बीते दिनों प्याज़, टमाटर जैसी रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाली सब्जियों के दाम लगभग 100 रुपये किलो तक पहुंच गए थे। हालांकि ये दाम सरकारी किराना दुकानों के है जबकि निजी Grocery stores या दुकानों पर इन्हीं चीजों के दाम इससे भी कहीं ज्यादा है।
इसी तरह दूध के दाम भी अक्टूबर 2018 में न्यूनतम 37 रुपये से अधिकतम 42 रुपये तक थे जबकि अक्टूबर 2019 में ये न्यूनतम 38 रुपये से अधिकतम 44 रुपये तक पहुंच गए है। चावल के दाम अक्टूबर 2018 में न्यूनतम 30 रुपये से अधिकतम 32 रुपये तक थे जबकि अक्टूबर 2019 में ये न्यूनतम 30 रुपये से अधिकतम 42 रुपये तक हो गये है। चीनी के दाम अक्टूबर 2018 में न्यूनतम 37 रुपये से अधिकतम 39 रुपये तक थे जबकि अक्टूबर 2019 में ये न्यूनतम 38 रुपये से अधिकतम 41 रुपये तक हो गये है। वहीं गेंहू के आटे के दाम भी पिछले साल 22 रुपये प्रतिकिलो से बढ़कर 36 रुपये प्रतिकिलो तक पहंुच गए है। मूलभूत ज़रोरतों पर लगातार कीमतों का बढ़ना देश के मध्यम वर्ग की परेशानी का सबब बन रहे हैं… बीते दिनों प्याज़, टमाटर जैसी रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाली सब्जियों के दाम लगभग 100 रुपये किलो तक पहुंच गए थे। हालांकि ये दाम सरकारी किराना दुकानों के है जबकि निजी Grocery stores या दुकानों पर इन्हीं चीजों के दाम इससे भी कहीं ज्यादा है।
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