मथुरा में राजकीय शिशु सदन की लापरवाही से दो बच्चों की मौत
उत्तर प्रदेश के मथुरा में बच्चों के एक अनाथालय में लापरवाही के चलते दो बच्चों की मौत हो गई जबकि 10 बच्चे अस्पताल में ज़िंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। इन बच्चों की मौत और बीमार होने की वजह फ़ूड प्वायज़निंग है जिन्हें सही वक़्त पर अस्पताल में भर्ती तक नहीं करवाया गया।
शुरुआती जांच में पता चला है कि तीन दिन पहले मथुरा के एक अनाथालय राजकीय शिशु सदन के बच्चे फूड प्वाइज़निंग के बाद डायरिया के शिकार हो गए लेकिन अनाथालय ने बच्चों को अस्पताल में भर्ती नहीं करवाया। इसकी वजह से दो बच्चों, डेढ़ वर्ष के गोपाल और छह महीने की अंशिका की तबीयत बिगड़ती चली गई और अंत में उनकी मौत हो गई।
इसके बाद बिमार पड़े बच्चों का इलाज शुरू हुआ लेकिन स्थिति गंभीर होने के चलते 6 बच्चों को आगरा के एसएन मेडिकल कालेज में भेजा गया है जबकि 4 का इलाज मथुरा में ही चल रहा है। इनमें से कई बच्चों की हालत नाज़ुक बनी हुई है। मथुरा के डीएम सर्वज्ञ राम मिश्रा ने कहा कि अनाथालय के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते ऐसा हुआ है और उन्होंने 24 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगी है। मथुरा के अनाथालय राजकीय शिशु सदन में 50 बच्चे हैं। इनमें दो साल से कम उम्र के 20 बच्चे हैं। मथुरा प्रशासन अब इस जांच में जुटा है कि इतने छोटे-छोटे बच्चों की बीमारी और इलाज में इस क़दर लापरवाही क्यों बरती गई।
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