जम्मू-कश्मीर में सैलानियों की एंट्री से क्या घाटी की तस्वीर बदल पाएगी?
जम्मू-कश्मीर में पिछले साल अगस्त से ठप पड़े टूरिज़्म सेक्टर में जान फूंकने के लिए यहां सैलानियों को कुछ शर्तों के साथ आने की इजाज़त दे दी गई है. पहले चरण में सैलानी सिर्फ हवाई मार्ग से जम्मू-कश्मीर पहुंचेंगे जिन्हें कोरोना की जांच कराना अनिवार्य होगा. जम्मू-कश्मीर टूरिज़्म के निदेशक एनए वानी ने बताया कि पहले चरण में आने वाले पर्यटकों ने होटल बुकिंग और वापसी टिकट की पुष्टि की है. सैलानियों को हवाई अड्डे पर उतरते ही कोरोना टेस्ट करवाना होगा और रिपोर्ट आने तक उन्हें होटल के अंदर ही रहना पड़ेगा. साथ ही, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 65 साल से ज्यादा उम्र के पर्यटकों को ना आने की हिदायत दी है.
जम्मू-कश्मीर के टूरिज़्म विभाग के मुताबिक घाटी में साल दर साल पर्यटकों की संख्या घट रही है. आंकड़े बताते हैं कि साल 2012 में घाटी में 13 लाख से ज़्यादा सैलानी पहुंचे थे जो 2018 में घटकर साढ़े आठ लाख रह गए. कश्मीर की बजाय जम्मू में टूरिज़्म सेक्टर धार्मिक श्रद्धालुओं के चलते काफी बेहतर स्थिति में है. यहां वैष्णो देवी मंदिर और अमरनाथ यात्रा के लिए हर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. साल 2017 में 57 लाख से ज़्यादा श्रद्धालु जम्मू पहुंचे जबकि लद्दाख़ में 2 लाख 59 हज़ार सैलानी पहुंचे और कश्मीर पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या 10 लाख 76 हज़ार थी.
टूरिज़्म शुरू करने से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन जगत से जुड़े लोगों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि यह आमदनी और लाखों लोगों के रोज़गार का बड़ा ज़रिया है. घाटी में सैलानियों के स्वागत के लिए होटल, रेस्तरां, हाउसबोट सजने लगे हैं और टैक्सी चालक और स्थानीय दुकानदार भी इससे ख़ुश नज़र आ रहे हैं.J&K: Govt has allowed phased reopening of tourism in State from July 14. NA Wani, Director Kashmir Tourism says,"In 1st phase, tourists arriving by air who have confirmed hotel bookings&return tickets will be allowed.They will have to undergo mandatory #COVID19 test on arrival." pic.twitter.com/ycbBtO446T
— ANI (@ANI) July 14, 2020
जम्मू-कश्मीर के टूरिज़्म विभाग के मुताबिक घाटी में साल दर साल पर्यटकों की संख्या घट रही है. आंकड़े बताते हैं कि साल 2012 में घाटी में 13 लाख से ज़्यादा सैलानी पहुंचे थे जो 2018 में घटकर साढ़े आठ लाख रह गए. कश्मीर की बजाय जम्मू में टूरिज़्म सेक्टर धार्मिक श्रद्धालुओं के चलते काफी बेहतर स्थिति में है. यहां वैष्णो देवी मंदिर और अमरनाथ यात्रा के लिए हर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. साल 2017 में 57 लाख से ज़्यादा श्रद्धालु जम्मू पहुंचे जबकि लद्दाख़ में 2 लाख 59 हज़ार सैलानी पहुंचे और कश्मीर पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या 10 लाख 76 हज़ार थी.
Latest Videos