शाहीनबाग़ में औरतों और बच्चों का प्रदर्शन जारी, जानें क्या है हालात?

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 2691

"Women and children continue to perform in Shaheen
दिल्ली के शाहीन बाग़ इलाक़े में तमाम उम्र की औरतें अपने बच्चों के साथ 20 दिन से जारी धरने पर जमी हुई हैं. इन औरतों का कहना है कि उन्हें पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की बातों पर भरोसा नहीं है. सरकार को चाहिए कि यह नागरिकता क़ानून  रद्द किया जाए.

नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ दिल्ली के शाहीन बाग़ इलाक़े में तमाम उम्र की औरतें अपने बच्चों के साथ 20 दिन से डटी हुई हैं. यहां तरह-तरह के नारे लगाए जा रहे हैं. जन कवि बल्ली सिंह चीमा की एक कविता बेहद मशहूर है. ले मशाले चल पड़े हैं लोग मेरे गांव के, अब अंधेरा जीत लेंगे लोग मेरे गांव के. प्रदर्शनकारी इसे कविता को गुनगुनाते हुए दिखे.


नौजवान हाथों में तिरंगा लहरा रहे हैं और सड़क पर जगह नारे लिख दिए गए हैं. 20 दिन से जमा औरतों की नागरिकता क़ानून को लेकर क्या शिक़ायत है, गो न्यूज़ संवाददाता अंजलि ओझा ने इस बारे में कई लोगों से बात की.

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पिछले हफ्ते के मुक़ाबले दिल्ली में तापमान थोड़ा बेहतर है लेकिन सर्द रात में खुले आसमान के नीचे बैठना बेहद मुश्किल है. मौसम विभाग के मुताबिक  अगले हफ्ते बारिश के साथ-साथ तापमान तेज़ी से गिर सकता है. इसके बावजूद शाहीन बाग़ की औरतें अपने बच्चों के साथ एक भेदभाव से भरे क़ानून के ख़िलाफ़ पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.

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