यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिला आंदोलनकारियों पर की भद्दी बयानबाज़ी
नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों पर मनमानी कार्रवाई के लिए यूपी पुलिस पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में महिला आंदोलनकारियों पर भद्दी बयानबाज़ी की है. उनके बयान से पता चलता है कि वो पुरुषों के मुक़ाबले महिलाओं को कमतर मानते हैं.
नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ दिल्ली, यूपी समेत तमाम शहरों में विरोध प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं. देशभर में इन विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई महिलाएं कर रही हैं लेकिन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिला आंदोलनकारियों को पुरुषों से कमतर मानते हुए उनपर भद्दी बयानबाज़ी की.
योगी आदित्यनाथ कानपुर में नागरिकता कानून के समर्थन में रैली कर रहे थे. महिला प्रदर्शनकारियों पर भद्दी बयानबाज़ी करने के साथ-साथ उन्होंने धमकी भी दी कि आज़ादी के नारे लगाना देशद्रोह माना जाएगा और ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी. हालांकि महज़ नारेबाज़ी करना देशद्रोह की कैटगरी में नहीं आता है. नारेबाज़ी के आधार पर दर्ज देशद्रोह के कई मामलों को देश की अदालतें पहले ही ख़ारिज कर चुकी हैं. योगी सरकार और उसकी पुलिस पर नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों पर मनमानी कार्रवाई के गंभीर आरोप लग रहे हैं. लखनऊ में घंटाघर में महिला प्रदर्शनकारियों को हटाने के मक़सद से टॉयलेट में ताला लगवा दिया गया और ठंड से बचने के लिए उन्हें टेंट लगाने की इजाज़त भी नहीं मिली. हालांकि इसके बावजूद महिला आंदोलनकारी डटी हुई हैं और दूसरी ओर मनमाने तरीक़े से यूपी पुलिस कार्रवाई कर रही है. वीडियो देखिये अब तक यूपी पुलिस तक़रीबन 1200 पुरुष और महिला प्रदर्शनकारियों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन का केस दर्ज कर चुकी है. इनमें प्रयागराज की 300, इटावा की 200 और अलीगढ़ की 60 महिला आंदोलनकारी शामिल हैं.
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