राज्यसभा पहुंचे कांग्रेसी सांसदों में दिखा नई और पुरानी पीढ़ी का सम्मिश्रण
राज्यसभा के लिए चुनकर आए 44 नए सांसदों को बुधवार को शपथ दिलाई गई है। कोरोना वायरस की वजह से बांकि के सांसद शपथग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो सके। शपथग्रहण समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, भारतीय जनता पार्टी की तरफ से चुने गए ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस छोड़ शिवसेना में शामिल हुईं प्रियंका चतुर्वेदी को भी गोपनीयता की शपथ दिलाई गई है। ऐसा पहली बार हुआ है कि संसद का सत्र नहीं होने के बावजूद उच्च सदन के सदस्यों को शपथ दिलवाई गई हो।
गौरतलब है कि राज्यसभा में खाली सीटों के लिए जून में मतदान हुआ था और 20 राज्यों से 62 नए सांसद चुने गए। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से पहले शपथग्रहरण समारोह टाल दिया गया था।
कांग्रेस पार्टी के नौ नए सांसद राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। इनमें हरियाणा से दीपेंद्र हुड्डा, कर्नाटक से मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान से नीरज डांगी और केसी वेणुगोपाल, गुजरात सीट से कांग्रेस शक्ति सिंह गोहिल, महाराष्ट्र से राजीव साथव और मध्यप्रदेश से कांग्रेस पार्टी ने दिग्विजय सिंह को राज्यसभा भेजा है। राज्यसभा के लिए चुने गए कांग्रेस नेताओं में ज़्यादातर नेता राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। इनमें केसी वेणुगोपाल का नाम भी शामिल है। केसी वेणुगोपाल केरल से आते हैं और संगठन की ज़िम्मेादीर आजकल इन्हीं के कंधों पर है। इनके अलावा गुजरात के प्रभारी राजीव साथव को महाराष्ट्र सीट से राज्यसभा जाने का एक बार फिर मौका मिला है। राजीव साथव राहुल गांधी के करीबियों में से एक हैं और इस बार उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिला था। यही वजह है कि पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को हरियाणा में बुरे हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी को सिर्फ एक, रोहतक सीट पर दीपेन्द्र हुड्डा की अगुवाई में कामयाबी मिली थी लेकिन इस बार वो भी चुनाव हार गए थे। ऐसे में युवा वोटरों को जोड़े रखने के लिए पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसले किया है। उधर गुजरात से आने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल को पार्टी ने राज्यसभा भेजा है। गोहिल को पार्टी ने बिहार और दिल्ली जैसे महत्वपूर्ण राज्यों की भी ज़िम्मेजारी दी हुई है। उधर पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को कर्नाटक सीट से राज्यसभा भेजा गया है। खड़गे को राज्यसभा भेजना पार्टी की नई रणनीति का हिस्सा है। दरअसल कई सालों से राज्यसभा में सदन के नेता के तौर पर गुलाम नबी आज़ाद पार्टी की अगुवाई कर रहे हैं। आने वाले दौर में अंकगणित में बदलाव को देखते हुए पार्टी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा भेजा है। बताया जा रहा है कि खड़गे, सदन में नेता प्रतिपक्ष बनाए जा सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी के नौ नए सांसद राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। इनमें हरियाणा से दीपेंद्र हुड्डा, कर्नाटक से मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान से नीरज डांगी और केसी वेणुगोपाल, गुजरात सीट से कांग्रेस शक्ति सिंह गोहिल, महाराष्ट्र से राजीव साथव और मध्यप्रदेश से कांग्रेस पार्टी ने दिग्विजय सिंह को राज्यसभा भेजा है। राज्यसभा के लिए चुने गए कांग्रेस नेताओं में ज़्यादातर नेता राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। इनमें केसी वेणुगोपाल का नाम भी शामिल है। केसी वेणुगोपाल केरल से आते हैं और संगठन की ज़िम्मेादीर आजकल इन्हीं के कंधों पर है। इनके अलावा गुजरात के प्रभारी राजीव साथव को महाराष्ट्र सीट से राज्यसभा जाने का एक बार फिर मौका मिला है। राजीव साथव राहुल गांधी के करीबियों में से एक हैं और इस बार उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिला था। यही वजह है कि पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को हरियाणा में बुरे हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी को सिर्फ एक, रोहतक सीट पर दीपेन्द्र हुड्डा की अगुवाई में कामयाबी मिली थी लेकिन इस बार वो भी चुनाव हार गए थे। ऐसे में युवा वोटरों को जोड़े रखने के लिए पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसले किया है। उधर गुजरात से आने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल को पार्टी ने राज्यसभा भेजा है। गोहिल को पार्टी ने बिहार और दिल्ली जैसे महत्वपूर्ण राज्यों की भी ज़िम्मेजारी दी हुई है। उधर पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को कर्नाटक सीट से राज्यसभा भेजा गया है। खड़गे को राज्यसभा भेजना पार्टी की नई रणनीति का हिस्सा है। दरअसल कई सालों से राज्यसभा में सदन के नेता के तौर पर गुलाम नबी आज़ाद पार्टी की अगुवाई कर रहे हैं। आने वाले दौर में अंकगणित में बदलाव को देखते हुए पार्टी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा भेजा है। बताया जा रहा है कि खड़गे, सदन में नेता प्रतिपक्ष बनाए जा सकते हैं।
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