एम्स में ब्रेन डेड क़रार दिए गए दो मरीज़ों से सात लोगों को मिली नई ज़िंदगी

by Ankush Choubey 4 years ago Views 2343

AIIMS: Seven people got new life from two patients
एम्स में ब्रेन डेड क़रार दिए गए दो मरीज़ों के अंगदान से सात लोगों को नई ज़िंदगी मिली है. इनके अंगदान से दो मरीजों का लीवर, चार मरीजों की किडनी और एक मरीज का दिल ट्रांस्पलेंट किया गया है. 

एम्स में 48 घंटों के अंदर ब्रेन डेड क़रार दिए गए दो मरीज़ सात लोगों को नई ज़िंदगी देकर गए. इनके अंगदान से दो मरीज़ों के लीवर, चार की किडनी और एक मरीज़ का हर्ट ट्रांसप्लांट किया गया. अंगदान करने वाले  26 साल के सचिन नायक यूपी के कासगंज के रहने वाले हैं तो 61 साल के अनिल मित्तल दिल्ली के हैं. एम्स के डॉक्टरों ने इनकी चारों आंखों के कॉर्निया, चार हर्ट वॉल्व और कुछ हड्डियों को भी सुरक्षित टिश्यू बैंक में रखा है ताकि बाद में किसी ज़रूरतमंद की मदद की जा सके. 


26 साल के सचिन मज़दूरी करते थे और दूसरी मंज़िल से गिरने के बाद उन्हें 13 फरवरी को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया था. 15 फरवरी को उन्हें डॉक्टरों ने ब्रेन डेड क़रार दे दिया तो घरवालों की काउंसलिंग के बाद उनके अंगदान की मंज़ूरी ले ली. 

सचिन का दिल उसकी ही उम्र के एक लड़के को, लीवर 43 साल के शख़्स को और किडनी 20 साल की लड़की को ट्रांसप्लांट किया गया. वहीं 61 साल के अनिल मित्तल के चार वॉल्व और दो कॉर्निया को सुरक्षित रखा है। इनका लिवर और दोनों किडनी एम्स और राम मनोहर लोहिया में भर्ती मरीजों को ट्रांसप्लांट कर दिया गया।

वीडियो देखिये

एम्स के ऑर्गेन रीट्रिवल बैंकिंग ऑर्गेनाइजेशन की प्रभारी डॉ. आरती विज के मुताबिक पांच साल पहले भी एम्स में दो दिन के अंदर दो ब्रेन डेड मरीज़ो के अंगों से दूसरे मरीज़ों की जान बचाई गई थी. 

देश में ब्रेन डेड लोगों के अंगों का चलन बेहद कम है. आंकड़े बताते हैं कि एक साल में महज़ 5 प्रतिशत लोग की ऑर्गन्स डोनेट करते हैं जबकि देश में हर साल लगभग 2.5 लाख किडनी, लीवर और हार्ट के ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है लेकिन डोनर्स की कमी होने के कारन सिर्फ  6,000 से 7,000 से ज्यादा ट्रांसप्लांट नहीं हो पते है।

Latest Videos

Latest Videos

Facebook Feed