अमेठी: सीएम ऑफिस के बाहर आग लगाने वाली महिला की मौत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के दफ़्तर के सामने ख़ुदकुशी की कोशिश करने वाली महिला सफ़िया बानो की अस्पताल में मौत हो गई. स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमठी की रहने वाली सफ़िया बानो ने 17 जनवरी को आग लगाकर ख़ुदकुशी की कोशिश की थी. अमेठी पुलिस पर आरोप है कि वो सफ़िया बानो के साथ इंसाफ़ करने की बजाय दबंग आरोपियों के साथ खड़ी थी.
सिविल अस्पताल के डॉक्टर आशुतोष दुबे के मुताबिक 50 साल की सफ़िया का शरीर बुरी तरह जल गया था. इलाज के दौरान उन्हें सेप्टीसीमिया हो गया था और संक्रमण पूरे शरीर में फैल गया जिससे उनकी मौत हो गई. सफ़िया की 28 साल की बेटी भी इस हादसे में झुलस गई थीं लेकिन उनकी जान बच गई है.
सफ़िया और उनके परिवार का नाली को लेकर पड़ोसी अर्जुन साहू से नौ मई को विवाद हुआ था. अर्जुन और उसके सहयोगियों ने सफिया और उनकी बेटी के साथ मारपीट की थी. मगर अमेठी पुलिस ने अर्जुन और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने की बजाय क्रॉस एफआईआर दर्ज कर दी थी. सफिया ने आरोप लगाया था कि अर्जुन और अमेठी पुलिस की सांठगांठ की वजह से उसपर ही एफ़आईआर दर्ज की गई है. वहीं अमेठी पुलिस के एक एसएचओ समेत चार लोगों को सस्पेंड कर दिया है लेकिन कांग्रेस और एमआईएम के स्थानीय नेताओं पर भी मुक़दमा दर्ज किया है. अमेठी पुलिस का आरोप है कि स्थानीय नेताओं ने सफिया और उनकी बेटी को ख़ुदकुशी के लिए उकसाया था.
सफ़िया और उनके परिवार का नाली को लेकर पड़ोसी अर्जुन साहू से नौ मई को विवाद हुआ था. अर्जुन और उसके सहयोगियों ने सफिया और उनकी बेटी के साथ मारपीट की थी. मगर अमेठी पुलिस ने अर्जुन और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने की बजाय क्रॉस एफआईआर दर्ज कर दी थी. सफिया ने आरोप लगाया था कि अर्जुन और अमेठी पुलिस की सांठगांठ की वजह से उसपर ही एफ़आईआर दर्ज की गई है. वहीं अमेठी पुलिस के एक एसएचओ समेत चार लोगों को सस्पेंड कर दिया है लेकिन कांग्रेस और एमआईएम के स्थानीय नेताओं पर भी मुक़दमा दर्ज किया है. अमेठी पुलिस का आरोप है कि स्थानीय नेताओं ने सफिया और उनकी बेटी को ख़ुदकुशी के लिए उकसाया था.
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