कोरोना का ख़तरा बढ़ा, सोशल मीडिया पर जान बचाने की लग रही गुहारें

by Shahnawaz Malik 3 years ago Views 1710

Corona's threat increased, life-saving pleas on so
कोरोना महामारी के दौर में दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवा सवालों में घिर गई है. दिल्ली की एक महिला अमरप्रीत ने आरोप लगाया कि दिल्ली के अस्पताल में भर्ती नहीं होने से उनके पिता की मौत हो गई. उन्होंने 4 जून की सुबह आठ बजे ट्वीट किया, ‘मेरे पिता को तेज़ बुख़ार है. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की ज़रूरत है. मैं एलएनजेपी अस्पताल के बाहर खड़ी हूं और उन्हें अंदर नहीं लिया जा रहा है. स्वास्थ्य सुविधा के बिना मेरे पिता नहीं बचेंगे. मदद की दरकार है.’ अमरप्रीत ने एक घंटे बाद फिर एक ट्वीट कर बताया कि उनके पिता की मौत हो गई और यह सरकार नाकाम साबित हुई है. 

अमरप्रीत ने शाम पांच बजे अपने तीसरे ट्वीट में फिर मदद की अपील की. उन्होंने लिखा, ‘कोरोना की वजह से आज सुबह मैंने अपना पिता खो दिया. हम चाहते हैं कि आज ही हमारे परिवार की कोरोना जांच की जाए लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है. हम सुबह से जांच करवाने की कोशिश कर रहे हैं. परिवार में मेरी मां, भाई, उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं. मदद की दरकार है.’ 


इसके बाद कई लोग अमरप्रीत की मदद के लिए आगे आए और कहा कि अगले दिन उनके परिवार की कोरोना जांच हो जाएगी.

इसी तरह रोहिणी के वरूण वत्स की एक फेसबुक पोस्ट वायरल हो गई. उन्होंने बताया कि वो कोरोना जांच के लिए एक जून से चार जून तक जगह-जगह भटके. आरोग्य सेतु ऐप की मदद ली, दिल्ली और केंद्र सरकार की हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया, बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल और महाराजा अग्रसेन अस्पताल के चक्कर लगाए, निजी लैब्स से संपर्क किया लेकिन जांच नहीं हो पाई. हर जगह उनसे कहा गया कि कोरोना की किट ख़त्म हो गई है और दो तीन दिनों के लिए जांच बंद है. 

वरूण की जांच पांचवें दिन हो पाई लेकिन उन्होंने कहा कि हज़ारों लोग फिलहाल लाचार महसूस कर रहे हैं. सिस्टम को बेहतर बनाने की ज़रूरत है. 

उत्तर प्रदेश का हाल इससे बुरा है. एक महिला हर्षल गुप्ता ने लिखा कि उन्होंने यूपी सरकार के इमरजेंसी नंबर, एंबुलेंस इमरजेंसी नंबर, हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने की कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. ख़राब प्रशासन और इलाज नहीं होने के चलते उनके घर के तीन लोगों की एक हफ्ते में मौत हो गई. अब वो अपने घर में बचे हुए लोगों को मेडिकल हेल्प के लिए मदद मांग रही हैं. 

हर्षल ने ट्वीट कर कहा कि उनका परिवार अलीगढ़ में रहता है जिसे स्मार्ट सिटी का दर्जा प्राप्त है. मैं सरकार से अपील कर रही हूं और जो भी मेरी अपील पढ़ पा रहा है, उससे मदद मांग रही हूं. मेरे घर में तीन लोग हैं जो बुरी तरह बीमार हैं. इन्हें मदद की ज़रूरत है. हर्षल ने अपने परिवार का पता भी ट्वीट कर दिया है ताकि सरकार ना सही, कोई और उनकी मदद के लिए पहुंच जाए.

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