पंजाब: ज़हरीली शराब से अब तक 104 मौतें, विपक्ष हमलावर

by Ankush Choubey 3 years ago Views 4336

Death Count Rises To 104 In Punjab Hooch Tragedy
पंजाब में ज़हरीली शराब पीने से अब तक 104 लोग मारे जा चुके हैं. सीमाई ज़िले तरन-तारण में 17 और गुरदासपुर के बटाला में एक शख्स की रविवार को मौत दर्ज की गई है. राज्य के इतिहास में ज़हरीली शराब से होने वाली मौतों की यह सबसे बड़ी त्रासदी है. मरने वाले सभी लोग तरन-तारण, गुरुदासपुर और अमृतसर के रहने वाले हैं. तक़रीबन 80 लोगों की सिर्फ तरन-तारण में  हुई है जबकि गुरदासपुर के बटाला और अमृतसर में 12-12 लोगों की जान जा चुकी है.

100 से ज़्यादा मौतें होने पर विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांगा है. अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने पंजाब सरकार की मैजिस्टीरियल जांच को महज़ छलावा करार दिया. उन्होंने कहा, ‘घटना की जांच सीबीआई या हाई कोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए.’


आम आदमी पार्टी ने भी पटियाला, बरनाला, पठानकोट और मोगा समेत कुछ जिलों में पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किये. प्रदर्शनकारियों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए कांग्रेस सरकार को इस त्रासदी का ज़िम्मेदार बताया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ट्वीट किया - राज्य सरकार को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने की कार्रवाई करनी चाहिए. इस मामले की तुरंत सीबीआई जांच होनी चाहिए, क्योंकि पिछले कुछ महीनों से अवैध शराब से जुड़ा कोई भी मामला पुलिस सुलझा नहीं पाई है.

हालांकि अरविंद केजरीवाल का यह दावा सही नहीं है कि अवैध शराब से जुड़ा मामला पंजाब पुलिस सुलझा नहीं पाई है. 22 अप्रैल को खन्ना ज़िले में अवैश शराब की फैक्ट्री मामले में आठ लोगों की गिरफ्तारी हुई थी और सात फ़रार लोगों की तलाश में छापेमारी शुरू की गई थी. पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कहा कि केजरीवाल को अपने काम से मतलब रखना चाहिए. पंजाब में अपनी मृत पड़ी पार्टी को ज़िंदा करने के लिए इस त्रासदी को अवसर के रूप में नहीं देखना चाहिए.

पंजाब सरकार इस मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. अब तक 120 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी करते हुए 25 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आबकारी और पंजाब पुलिस के 13 अधिकारी सस्पेंड किए जा चुके हैं और जांच के लिए एक एसआईटी का गठन भी किया गया है. पंजाब सरकार ने मरने वालों के परिवारों को दो-दो लाख रुपए का मुआवज़ा देने का ऐलान किया है.

इस त्रासदी में मरने वाले ज़्यादातर लोग ग़रीब किसान, दिहाड़ी मज़दूर और पशुपालक हैं. राज्य में अवैध तरीक़े से बनने वाली शराब सस्ते दामों में ग़रीबों तक पहुंचाई जाती है. माना जाता है कि राज्य में अवैध शराब का कारोबार करोड़ों में है जिसमें शराब माफ़ियाओं और पंजाब पुलिस के मज़बूत गठजोड़ है.

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