सांभर झील में पक्षियों के मरने की संख्या 17,000 के पार
सांभर झील में मरने वाले पक्षियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अबतक 17 हज़ार से ज्यादा देशी और विदेशी पक्षियों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को भी 578 मृत पक्षियों को निकाला गया, जबकि 500 बीमार पक्षियों को रेस्क्यू सेंटर भेजा गया।
राज्य सरकार के आंकडों के मुताबिक मृत पक्षियों का अबतक का आंकड़ा 17 हज़ार हो गया है। वहीं एक्सपर्ट्स के अनुसार मृत पक्षियों का आंकड़ा लगभग 50 हजार पहुंच गया है। सांभर झील में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी हर साल सर्दीयों में आते हैं जिसके मद्देनज़र Conservation of Migratory Species की 13वीं conference 2020 फरवरी के महीने में भारत में होने जा रही है। जिसमें सांभर झील में इन दिनों आने वाले प्रवासी पक्षियों का काफ़ी महत्व है।
वीडियो देखें: सांभर झील में पक्षियों की मौतों का सिलसिला शुरु हुए 20 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। लेकिन अभी तक वन विभाग के पास पक्षियों की मौतों का कोई सही कारण नहीं है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि बड़ी संख्या में पक्षियों की मौतें एवियन बोटुलिज्म (AVIAN BOTULISM) नाम की बीमारी से हो रही है। वहीं वन विभाग का कहना है कि पक्षियों की मौतें वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से हो रही है। 22 नवंबर को होईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। मृत पक्षियों में देशी और हज़ारों मील से उड़कर आने वाले विदेशी समेत 32 प्रजातियों के पक्षियों की मौत हो गयी है। जिनमें मार्स सैंड पाइपर, बुड सैंड पाइपर, लेसर विसलिंग डक, इंडियन ईगल आउल और फ्लेमिंगो जैसे पक्षी शामिल है।
वीडियो देखें: सांभर झील में पक्षियों की मौतों का सिलसिला शुरु हुए 20 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। लेकिन अभी तक वन विभाग के पास पक्षियों की मौतों का कोई सही कारण नहीं है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि बड़ी संख्या में पक्षियों की मौतें एवियन बोटुलिज्म (AVIAN BOTULISM) नाम की बीमारी से हो रही है। वहीं वन विभाग का कहना है कि पक्षियों की मौतें वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से हो रही है। 22 नवंबर को होईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। मृत पक्षियों में देशी और हज़ारों मील से उड़कर आने वाले विदेशी समेत 32 प्रजातियों के पक्षियों की मौत हो गयी है। जिनमें मार्स सैंड पाइपर, बुड सैंड पाइपर, लेसर विसलिंग डक, इंडियन ईगल आउल और फ्लेमिंगो जैसे पक्षी शामिल है।
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