ओडिशा के नुआपाड़ा में फ्लूरोसिस से फाइट
फ्लूरोसिस, जो आमतौर पर पीने के पानी में फ्लूरोइड की अत्यधिक मात्रा के कारण होती है, जिससे दांतों और हड्डियों पर असर पड़ता है। फ्लूरोइड एक प्राकृतिक खनिज है जो कि आमतौर पर पीने के पानी में पाया जाता है। लेकिन पानी में अधिक फ्लूरोइड की अधिक मात्रा मानव शरीर पर काफी बुरा असर डालते हैं।
निम्न स्तर पर फ्लूरोइड का होना दांतों के लिये फायदेमंद तो है लेकिन यही फ्लोराइड की मात्रा जब पीने के पानी में अधिक पाई जाती है तो दांतों में दर्द और विकार हो जाता है। जब पानी में फ्लुरोइड की मात्रा अधिक पाई जाती है तो जोड़ों में अकड़न और दर्द होने लगता है और मांसपेशियों की कमज़ोरी जैसी समस्याएं पैदा होने लगती है।
वीडियो देखिये ओड़िशा के कई गांवों के पानी में फ्लुरोइड की मात्रा इतना अधिक है कि यहां के लगभग सभी लोग इस प्रकार की बीमारियों से जूझ रहे हैं। पश्चिमी ओड़िशा का नुआपाड़ा ज़िला इस समस्या की भारी चपेट में है। नुआपाड़ा के गांवों में हज़ारों लोग फ्लोरोसिस के शिकार हैं, यदि इसका हल जल्द नहीं निकाला गया तो यहां की आने वाली पीढ़ियों में तरह-तरह की बीमारियां होने का ख़तरा बना रहेगा। Water Safety and Sustainability पर देखिये गोन्यूज़ की ये खास पेशकश, जो Water AidIndia संस्था के सहयोग से तैयार की गई है।
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