SBI: कोरोना वायरस से चीन को 100 अरब के नुकसान की आशंका, भारत पर पड़ेगा असर
केंद्र सरकार को आर्थिक मोर्चे पर झटके लगना जारी है। अब सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने रिपोर्ट जारी कर वित्त वर्ष 2020 में विकास दर 4.7 फीसदी का अनुमान लगाया है। इसके अलावा एसबीआई ने तेज़ी से पैर पसारते कोरोना वायरस पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा भारत में भी इसका विपरीत असर की आशंका ज़ाहिर की है। सेंसेक्स में भी शुक्रवार को 1500 अंक की गिरावट दर्ज़ की गयी।
भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा सपना अभी ख़तम नहीं हुआ है। अब देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने वित्त वर्ष 2020 में विकास दर 4.7 फीसदी रहने का अनुमान जारी कर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बैंक का कहना है कि वित्त वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में विकास दर 4.5 फीसदी ही रहेगी और पूरे साल की जीडीपी 4.7 फीसदी तक ही पहुंच पाएगी।
बता दें कि एसबीआई ने साल 2019 के पहले क्वार्टर में विकास दर के 8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया जो अब गिरकर 4.5 फीसदी रह गया है। एसबीआई ने इसके लिए पूरी दुनिया में सिकुड़ती अर्थव्यस्थाएं, कई देशों के बीच बढ़ता तनाव और गिरती मांग को ज़िम्मेदार ठहराया। इसके अलावा रिपोर्ट में 38 मुल्कों में फ़ैल चुके कोरोना वायरस पर पर चिंता व्यक्त की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस वायरस से सबसे ज्यादा जूझ रहे चीन को 100 बिलियन डॉलर का नुक्सान हो सकता है जिसका सीधा असर भारत पर पड़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक 2003 में SARS वायरस से 40 बिलियन डॉलर का नुक्सान हुआ था जबकि इससे 8,096 लोग प्रभावित हुए थे। लेकिन 2019 के कोरोना वायरस से 10 गुना ज्यादा 80, 234 लोग प्रवाभित हैं और इसके नुक्सान का अभी आंकलन किया जा रहा है। भारत में इसी वायरस से मची उथल उथल के कारण सेंसेक्स 1500 अंक गिर गया है। रिपोर्ट ये भी बताती है कि चीन में युद्ध स्तर पर कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे अभियानों से आर्थिक गतिविधिया मंदी पड़ रही हैं और जिसका सीधा प्रभाव वहां से होने वाले निर्यात पर पड़ेगा। भारत भी चीन से कई रोज़मर्रा की चीज़ें आयात करता है और ऐसे में इनकी कीमते ऊपर जा सकती हैं। जहां 93 फीसदी आयातित बरसाती छाते और छड़ियां चीन से आते है, वहीं 72 फीसदी खिलोने भी चीन से ही बनकर आते हैं। इसके अलावा 71 फीसदी चमड़े का सामान, 61 फीसदी लैमिनेटेड टेक्सटाइल फैब्रिक, 59 फीसदी म्यूजिकल साजो-सामान और 50 फीसदी चप्पल जूते भी चीन से आयत होकर आते हैं। ज़ाहिर है, संकट में फसी भारतीय अर्थव्यवस्था को उबारने में अभी काफी समय लग सकता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा सपना अभी ख़तम नहीं हुआ है। अब देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने वित्त वर्ष 2020 में विकास दर 4.7 फीसदी रहने का अनुमान जारी कर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बैंक का कहना है कि वित्त वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में विकास दर 4.5 फीसदी ही रहेगी और पूरे साल की जीडीपी 4.7 फीसदी तक ही पहुंच पाएगी।
बता दें कि एसबीआई ने साल 2019 के पहले क्वार्टर में विकास दर के 8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया जो अब गिरकर 4.5 फीसदी रह गया है। एसबीआई ने इसके लिए पूरी दुनिया में सिकुड़ती अर्थव्यस्थाएं, कई देशों के बीच बढ़ता तनाव और गिरती मांग को ज़िम्मेदार ठहराया। इसके अलावा रिपोर्ट में 38 मुल्कों में फ़ैल चुके कोरोना वायरस पर पर चिंता व्यक्त की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक इस वायरस से सबसे ज्यादा जूझ रहे चीन को 100 बिलियन डॉलर का नुक्सान हो सकता है जिसका सीधा असर भारत पर पड़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक 2003 में SARS वायरस से 40 बिलियन डॉलर का नुक्सान हुआ था जबकि इससे 8,096 लोग प्रभावित हुए थे। लेकिन 2019 के कोरोना वायरस से 10 गुना ज्यादा 80, 234 लोग प्रवाभित हैं और इसके नुक्सान का अभी आंकलन किया जा रहा है। भारत में इसी वायरस से मची उथल उथल के कारण सेंसेक्स 1500 अंक गिर गया है। रिपोर्ट ये भी बताती है कि चीन में युद्ध स्तर पर कोरोना वायरस के खिलाफ चल रहे अभियानों से आर्थिक गतिविधिया मंदी पड़ रही हैं और जिसका सीधा प्रभाव वहां से होने वाले निर्यात पर पड़ेगा। भारत भी चीन से कई रोज़मर्रा की चीज़ें आयात करता है और ऐसे में इनकी कीमते ऊपर जा सकती हैं। जहां 93 फीसदी आयातित बरसाती छाते और छड़ियां चीन से आते है, वहीं 72 फीसदी खिलोने भी चीन से ही बनकर आते हैं। इसके अलावा 71 फीसदी चमड़े का सामान, 61 फीसदी लैमिनेटेड टेक्सटाइल फैब्रिक, 59 फीसदी म्यूजिकल साजो-सामान और 50 फीसदी चप्पल जूते भी चीन से आयत होकर आते हैं। ज़ाहिर है, संकट में फसी भारतीय अर्थव्यवस्था को उबारने में अभी काफी समय लग सकता है।
Latest Videos