जानें कैसे दी केजरीवाल ने मोदी-शाह की जोड़ी को पटखनी
दिल्ली विधानसभा चुनाव का स्पष्ट जनादेश बताता है कि दिल्लीवालों ने अरविंद केजरीवाल सरकार के कामकाज पर मुहर लगा दी है. आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में इधर-उधर की बातें करने की बजाय अपने कामकाज पर पूरा ज़ोर दिया. चुनाव प्रचार के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने डेवलपमेंट का मॉडल पेश कर जनता से वोट मांगा और मोदी-शाह की जोड़ी को पटखनी देने में कामयाब रहे।
पिछले 7 सालों से दिल्ली की राजनीती में धुरी बन चुकी आम आदमी पार्टी लोगों से जुड़ने और अपने कामों को बताने में बेहद माहिर है. आप ने बेहद सधा हुआ प्रचार किया और वोटरों में भ्रम पैदा होने से पहले ही अपने कामकाज को लेकर भरोसा जगाने में कामयाब हुई. इस चुनाव में पार्टी ने नारा दिया था, 'अच्छे बीते 5 साल, लगे रहो केजरीवाल।' बिना कम और ज्यादा बताये एक मैसेज देने की कोशिश हुई कि पिछले 5 साल दिल्लीवालों के अच्छे गुज़रे, इसलिए केजरीवाल को दोबारा चुना जाना चाहिए। इसके कैंपेन के पीछे तर्क यह था कि लोग सीधे केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाने के लिए वोट करें नाकि विधायक चुनने के लिए।
आम आदमी पार्टी की सरकार में बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ और ट्रांसपोर्ट के मोर्चे पर ज़्यादा ध्यान दिया है. केजरीवाल सरकार ने बिजली पानी पर सब्सिडी देकर भी ख़ूब तारीफ़े बटोरीं. केजरीवाल और उनके पार्टी के तमाम नेता बार बार बताते रहे कि कैसे उनके बिजली और पानी के बिल कम आए हैं। इस दौरान केजरीवाल बीजेपी को ताने भी मारते रहे कि बीजेपी पहले अपने राज्यों में राहत देकर दिखाए, फिर दिल्ली में ऐसे वादे करे। तीसरा मुद्दा है बीजेपी के जाल में न फंसना. बीजेपी ने धर्म और राष्ट्रवाद के मुद्दों को ख़ूब उछाला. बीजेपी लगातार कोशिश करती रही कि चुनाव शाहीन बाग, नागरिकता कानून और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दे पर लड़ा जाए, लेकिन आप ने इन मुद्दों से दूरी बनाए रखा. इसकी बजाय आप ने 5 सालो में हुए अपने कामकाज गिनए और चुनाव में वोटो का ध्रुवीकरण नहीं होने दिया। पिछली बार बीजेपी ने किरण बेदी को अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया था लेकिन उन्हें बुरी हार का सामना करना पड़ा. इस बार बीजेपी ने किसी चेहरे को आगे नहीं किया, इसलिए वोटरों के दिल दिमाग़ में सिर्फ अरविंद केजरीवाल ही छाए रहे. केजरीवाल जानते थे कि केंद्र की पूरी राजनीती एक व्यक्ति विशेष यानि नरेंद्र मोदी पर करने वाली बीजेपी के पास एक भी नेता नहीं है, जो उनके कद का हो। इस मुद्दे को केजरीवाल ने बार बार हवा देकर आप बीजेपी के प्रचार की हवा निकाल दी।
Also Read:
आम आदमी पार्टी की सरकार में बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ और ट्रांसपोर्ट के मोर्चे पर ज़्यादा ध्यान दिया है. केजरीवाल सरकार ने बिजली पानी पर सब्सिडी देकर भी ख़ूब तारीफ़े बटोरीं. केजरीवाल और उनके पार्टी के तमाम नेता बार बार बताते रहे कि कैसे उनके बिजली और पानी के बिल कम आए हैं। इस दौरान केजरीवाल बीजेपी को ताने भी मारते रहे कि बीजेपी पहले अपने राज्यों में राहत देकर दिखाए, फिर दिल्ली में ऐसे वादे करे। तीसरा मुद्दा है बीजेपी के जाल में न फंसना. बीजेपी ने धर्म और राष्ट्रवाद के मुद्दों को ख़ूब उछाला. बीजेपी लगातार कोशिश करती रही कि चुनाव शाहीन बाग, नागरिकता कानून और राष्ट्रवाद जैसे मुद्दे पर लड़ा जाए, लेकिन आप ने इन मुद्दों से दूरी बनाए रखा. इसकी बजाय आप ने 5 सालो में हुए अपने कामकाज गिनए और चुनाव में वोटो का ध्रुवीकरण नहीं होने दिया। पिछली बार बीजेपी ने किरण बेदी को अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया था लेकिन उन्हें बुरी हार का सामना करना पड़ा. इस बार बीजेपी ने किसी चेहरे को आगे नहीं किया, इसलिए वोटरों के दिल दिमाग़ में सिर्फ अरविंद केजरीवाल ही छाए रहे. केजरीवाल जानते थे कि केंद्र की पूरी राजनीती एक व्यक्ति विशेष यानि नरेंद्र मोदी पर करने वाली बीजेपी के पास एक भी नेता नहीं है, जो उनके कद का हो। इस मुद्दे को केजरीवाल ने बार बार हवा देकर आप बीजेपी के प्रचार की हवा निकाल दी।
Latest Videos