लॉकडाउन: उत्तराखंड में चौपट हुआ फूलों का कारोबार, कंगाल होने की कगार पर पहुंचे कारोबारी
कोरोना के चलते लॉकडाउन की वजह से कई धंधे तो चौपट हुए ही हैं, लेकिन इसका सीधा असर उन व्यापारियों पर भी पड़ा है, जो सीजनल कारोबार करते थे।
वैसे तो हर साल अप्रैल से जून के महीने में सैकड़ों शादियां होती हैं लेकिन इस साल कोरोना और लॉकडाउन के बीच पूरा सीजन चौपट हो गया है। दरअसल उत्तराखंड के हल्द्वानी में बड़े पैमाने पर फूलों का कारोबार और खेती होती है लेकिन इस साल शादी समारोहों समेत दूसरे कई समारोह सोशल डिस्टेन्सिंग की वजह से प्रभावित हैं। इसका बड़ा असर फूलों के कारोबार पर पड़ा है।
हल्द्वानी से फूलों की सप्लाई यूपी, दिल्ली समेत कई दूसरे राज्यों तक होती थी लेकिन फूल कारोबारी फूलों का कारोबार ठप होने से चिंतित नज़र आ रहे हैं। उन्हें अगले सीजन का भी कुछ पता नहीं है। फूल कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते उन्हें पूजा, नामकरण, बर्थडे, शादी सालगिरह की भी बुकिंग नहीं मिल रही है। जरबेरा, ग्लैड के फूल बर्बाद हो रहे हैं। वीडियो देखिए एक महीने में करीब तीन बार जरबेरा के फूल सप्लाई किए जाते हैं। करीब 1000 स्क्वायर फीट में लगाए गए जरबेरा के 7000 पौधे एक महीने में 21 हज़ार फूल पूजा, शादी, और अन्य शुभ संस्कारों में सप्लाई होते हैं, लेकिन अप्रैल से अब तक के सीजन में एक फूल व्यापारी को लगभग 10 से 12 लाख का नुकसान हो चुका है। जरबेरा के एक फूल की क़ीमत बाजार में 20 से 25 रुपए है, तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की फूल कारोबार कोरोना और लॉकडांउन में औंधे मुंह गिर गया है। करीब 11 रंगों के जरबेरा के फूल लगातार खराब होते जा रहे हैं। फूल व्यापारी रोजाना इन फूलों को तोड़कर गांव और आसपास के लोगों को फ्री में दे रहे हैं। फूल व्यापारियों को डर इस बात का है कि कहीं लॉकडाउन जारी रहा तो अपना घर कैसे चलाएंगे। हल्द्वानी और उसके आसपास फूलों के कई ऐसे व्यापारी हैं, जो कोरोना काल में कंगाल होने की कगार पर हैं।
हल्द्वानी से फूलों की सप्लाई यूपी, दिल्ली समेत कई दूसरे राज्यों तक होती थी लेकिन फूल कारोबारी फूलों का कारोबार ठप होने से चिंतित नज़र आ रहे हैं। उन्हें अगले सीजन का भी कुछ पता नहीं है। फूल कारोबारियों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते उन्हें पूजा, नामकरण, बर्थडे, शादी सालगिरह की भी बुकिंग नहीं मिल रही है। जरबेरा, ग्लैड के फूल बर्बाद हो रहे हैं। वीडियो देखिए एक महीने में करीब तीन बार जरबेरा के फूल सप्लाई किए जाते हैं। करीब 1000 स्क्वायर फीट में लगाए गए जरबेरा के 7000 पौधे एक महीने में 21 हज़ार फूल पूजा, शादी, और अन्य शुभ संस्कारों में सप्लाई होते हैं, लेकिन अप्रैल से अब तक के सीजन में एक फूल व्यापारी को लगभग 10 से 12 लाख का नुकसान हो चुका है। जरबेरा के एक फूल की क़ीमत बाजार में 20 से 25 रुपए है, तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की फूल कारोबार कोरोना और लॉकडांउन में औंधे मुंह गिर गया है। करीब 11 रंगों के जरबेरा के फूल लगातार खराब होते जा रहे हैं। फूल व्यापारी रोजाना इन फूलों को तोड़कर गांव और आसपास के लोगों को फ्री में दे रहे हैं। फूल व्यापारियों को डर इस बात का है कि कहीं लॉकडाउन जारी रहा तो अपना घर कैसे चलाएंगे। हल्द्वानी और उसके आसपास फूलों के कई ऐसे व्यापारी हैं, जो कोरोना काल में कंगाल होने की कगार पर हैं।
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