‘महाराष्ट्र में सत्ता का खेल’ कब क्या हुआ?

by Ankush Choubey 4 years ago Views 1928

Maharashtra Political Crisis Timeline
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में तीखी बहस चली और अदालत ने 27 नवम्बर को शाम 5 बजे से पहले फ़्लोर टेस्ट का आदेश दे दिया। कोर्ट ने कहा कि तुरंत प्रोटेम स्पीकर नियुक्त हो। पूरी कार्यवाही का सीधा प्रसारण हो और वोटिंग सीक्रेट बैलट से ना हो।

‘सोमवार को कोर्ट में हुई सुनवाई'


महाराष्ट्र बीजेपी की तरफ से पेश हुए मुकुल रोहतगी ने कहा है कि राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट के लिए 14 दिन का वक्त दिया है. उन्होंने कहा कि प्रोटेम स्पीकर के बाद स्पीकर का चुनाव ज़रूरी है, लेकिन विपक्ष प्रोटेम स्पीकर से ही काम कराना चाहता है. मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगले सात दिन में फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकता है, कल भी फ्लोर टेस्ट का ऑर्डर ना दिया जाए.

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तरफ से पेश हुए तुषार मेहता ने कहा कि महाविकास अघाड़ी ने सूची में गड़बड़ी की है. इसपर एनसीपी की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि फ्लोर टेस्ट से पता चलेगा कि आप औंधे मुंह गिरेंगे, आप हारेंगे.

एनसीपी की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर दोनों पक्ष फ्लोर टेस्ट को तैयार हैं तो देरी क्यों हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर कुछ छिपाया जा रहा है तो फर्जीवाड़ा हुआ है. अजित पवार की चिट्ठी पूरी तरह से फर्जी है. अभिषेक मनु सिंघवी की तरफ से चिट्ठी को फ्रॉड बताने पर मुकुल रोहतगी भड़के और उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई. इस दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने 48 एनसीपी, 56 शिवसेना और 44 कांग्रेस विधायकों का समर्थन पत्र सौंपने की बात कही.

कांग्रेस की तरफ से पेश हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि 22 नवंबर की रात को प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसमें कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना ने सरकार बनाने की बात कही थी. सभी ने कहा कि उद्धव ठाकरे सीएम होंगे लेकिन सुबह 5 बजे ही फडणवीस सीएम बन गए. उन्होंने कहा कि ऐसी कौन-सी इमरजेंसी थी कि सुबह सवा 5 बजे राष्ट्रपति शासन हटाया गया और शपथ दिलवा दी गई. इस इमरजेंसी का खुलासा होना चाहिए.

रविवार को सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका के खिलाफ कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर रविवार को सुनवाई हुई दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की हैं।

शिव सेना की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से मांग कि अगर बीजेपी के पास बहुमत है तो वो सदन के पटल पर साबित करें और अगर नहीं है तो एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस को दावा पेश करने दें। साथ ही कपिल सिब्बल ने कहा कि जल्द से जल्द सदन में फ्लोर टेस्ट होना चाहिए। कपिल सिब्बल ने कहा कि सुबह 5.17 बजे राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया और 8 बजे दो लोगों ने शपथ ले ली। क्या दस्तावेज़ दिए गए, न्योता कब दिया गया, सबकुछ रहस्य है। राज्यपाल ने जिस तरह से पार्टियों को सरकार बनाने का न्योता दिया, उसमें पक्षपात दिखता है।

केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के पास सरकार बनाने का मौलिक अधिकार नहीं है और उनकी याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी कुछ भाजपा और निर्दलीय विधायकों की ओर से न्यायालय में पेश हुए। उन्होंने कहा कि यह याचिका मुंबई हाई कोर्ट में दायर होनी चाहिए। जबकि भाजपा ने रविवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास 170 से अधिक विधायकों का समर्थन है और भरोसा जताया कि वह राज्य की विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को राज्यपाल की तरफ से भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने वाले पत्र और विधायकों के समर्थन पत्र को लेकर सोमवार को 10:30 बजे पेश होने को कहा था।

शनिवार को क्या हुआ?

महाराष्ट्र में शनिवार को दिनभर सियासी नाटक चलता रहा। शनिवार की सुबह 5 बजे महारष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन को हटते हुए आनन फानन में देवेंद्र फडणवीस को सीएम तो अजित परवर को डिप्टी सीएम पद की शपत दिला दी। कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना तीनों ने राजयपाल और बीजेपी के इस कदम को लोकतंत्र के खिलाफ बताया। वहीँ इन तीनों पार्टियों ने दावा किया कि बहुमत उनके पास है और वो बीजेपी को विधानसभा के पटल पर ही हराएंगे। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने आखिर में ये भी कहा कि वो इन मुद्दों पर राजनैतिक और क़ानूनी दोनों मोर्चों पर लड़ाई लड़ेंगे। वहीँ कांग्रेस ने शनिवार को हुए घटनाक्रम को लेकर राज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी की भूमिका को लेकर 10 सवाल पूछे।

कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि बेशर्मी की सारी हदें आज पार दी गई हैं। अहमद पटेल ने कहा कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना अभी भी एक साथ है और हम मिलकर बीजेपी को हराएंगे। अहमद पटेल ने आखिर में ये भी कहा कि वो इन मुद्दों पर राजनैतिक और क़ानूनी दोनों मोर्चों पर लड़ाई लड़ेंगे।

इससे कुछ देर पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने जॉइंट प्रेस कांफ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में शरद पवार ने कहा भतीजे अजित पवार पर कारवाई होगी। शरद पवार ने चेतावनी देते हुए कहा कि विधायक ये ना भूलें कि पाला बदलने पर एंटी डिफ़ेक्शन लॉ लागू होगा और उनकी सदस्य्ता रद्द हो सकती है।

“ये शनिवार सुबह की बात है”

शनिवार की सुबह 5 बजे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन हटाते हुए आनन फानन में देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपत दिला दी। जबकि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपत ली। वहीं शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को समर्थन देने का अजित पवार का निर्णय उनका व्यक्तिगत निर्णय है न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का। शिवसेना नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र के राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में अँधेरे में डाका डाला गया है। शपथ ग्रहण समारोह होने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को बधाई दी।

शुक्रवार की रात क्या हुआ?

इससे पहले शुक्रवार की शाम शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की अहम बैठक के बाद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने इस बात की ओर इशारा किया था कि उद्धव ठाकरे ही सीएम बनेंगे। लेकिन ये भी तय किया गया था कि सारे पत्ते शनिवार को जॉइंट प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में खोले जाएँगे। वहीँ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मीटिंग में काफ़ी अहम मुद्दों पर बातचीत हुई है।

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