1700 किलोमीटर साइकिल चलाकर महाराष्ट्र से ओडिशा पहुंचा प्रवासी मज़दूर

by Shahnawaz Malik 3 years ago Views 167553

Migrant laborer reached Odisha from Maharashtra by
20 साल के महेश जेना 1700 किलोमीटर साइकिल चलाकर महाराष्ट्र के सांगली से ओडिशा के जजपुर पहुंचने में क़ामयाब हो गए. क्वारंटाइन की मियाद पूरी होने के बाद महेश अब अपने घर पहुंच गए हैं. महेश महाराष्ट्र के सांगली की एक कंपनी में 8000 रुपए प्रतिमाह की नौकरी करते थे लेकिन लॉकडाउन होने के बाद उन्हें तनख़्वाह नहीं मिली और खाने के लाले पड़ गए. तभी उन्होंने अपने घर ओडिशा के जजपुर जाने का फैसला किया.

महेश बताते हैं, ‘मैंने 3000 रुपए अपने एक दोस्त से उधार लिया और 1 अप्रैल को सांगली से चलना शुरू किया. सफ़र के दौरान कई दिन ऐसे रहे कि खाने को कुछ नहीं मिला और कुछ दिन सड़क किनारे ढाबों पर खाकर भूख मिटाई. हैदराबाद में मेरी साइकिल भी पंक्चर हो गई और इस तरह की तमाम मुश्किलों के बावजूद मैं 7 अप्रैल को जजपुर पहुंचने में क़ामयाब रहा.’


जजपुर पहुंचने के बाद महेश ने ख़ुद को ज़िला प्रशासन के सामने सरेंडर किया जहां से उन्हें क्वारंटाइन सेंटर ले जाया गया. क्वारंटाइन की मियाद पूरी करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया है.

महेश अपने 1700 किलोमीटर लंबे सफ़र को याद करते हैं, ‘रात के वक़्त सोने के लिए मुझे मंदिर जैसी सुरक्षित जगह तलाशनी होती थी. राज्य की सीमाओं पर मुझे पुलिसवाले रोकते लेकिन जैसे ही मैं उन्हें बताता कि मैं महाराष्ट्र से आ रहा हूं तो मुझे जाने देते.’

महेश ने लगातार सात दिनों तक 14 से 15 घंटे साइकिल चलाई और 1700 किलोमीटर का लंबा सफ़र सात दिन में पूरा किया. देखा जाए तो उन्होंने हर दिन 200 से 250 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय की.

महेश की तरह हज़ारों मज़दूर सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने-अपने राज्यों के लिए लॉकडाउन के बाद से ही निकले हैं. इनमें से ज़्यादातर अपने घर पहुंच गए लेकिन कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.

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