एमपी: गेंहू बेचने के लिए तीन दिन से क़तार में लगे एक और किसान की मौत
मघ्यप्रदेश की शिवराज सरकार का निज़ाम इतना बिगड़ा हुआ है कि अपनी फसल बेचने के लिए क़तार में लगे किसानों की बार-बार मौत हो रही है. आगर-मालवा ज़िले का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि अब देवास में भी ऐसी ही मौत हुई है. यहां 45 साल के किसान जयराम मंडलोई अपनी गेहूं की फसल लेकर तीन दिनों से बेचने का इंतज़ार कर रहे थे लेकिन रविवार की रात उनके सीने में दर्द हुआ और जान निकल गई.
जयराम मंडलोई को 29 मई को एसएमएस मिला था कि वो अपनी गेंहू की फसल लेकर उपार्जन केंद्र पर पहुंच जाए. जयराम 29 मई को दो ट्रॉली गेंहू लेकर केंद्र पर पहुंचे भी लेकिन एसएमएस आने के बावजूद वो तीन दिन तक लाइन में लगे रहे और उनकी गेंहू की तुलाई नहीं हो पाई। देवास के एसडीएम प्रदीप सोलंकी के मुताबिक किसान जयराम की मौत हार्ट अटैक से हुई.
वीडियो देखिए पिछले हफ्ते ही मध्य प्रदेश के आगर-मालवा ज़िले में एक किसान प्रेम सिंह की भी हार्टअटैक से मौत हुई थी. प्रेम सिंह अपना गेंहू लेकर तनोड़िया केंद्र आए थे लेकिन नौ दिनों तक क़तार में लगने के बावजूद अपना गेहूं नहीं बेच पाए थे. प्रदेश में कई जगह किसान गेहूं खरीद केंद्रों पर एक से डेढ़ किलोमीटर लंबी लाइन लगाकर खड़े देखे गए हैं और प्रशासन इस बदइंतज़ामी से निबट पाने में नाक़ाम साबित हुआ है.
वीडियो देखिए पिछले हफ्ते ही मध्य प्रदेश के आगर-मालवा ज़िले में एक किसान प्रेम सिंह की भी हार्टअटैक से मौत हुई थी. प्रेम सिंह अपना गेंहू लेकर तनोड़िया केंद्र आए थे लेकिन नौ दिनों तक क़तार में लगने के बावजूद अपना गेहूं नहीं बेच पाए थे. प्रदेश में कई जगह किसान गेहूं खरीद केंद्रों पर एक से डेढ़ किलोमीटर लंबी लाइन लगाकर खड़े देखे गए हैं और प्रशासन इस बदइंतज़ामी से निबट पाने में नाक़ाम साबित हुआ है.
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