पीएमसी बैंक घोटाले वाले वधावन बंधुओं के लग़्ज़री जहाज़ों की नीलामी की तैयारी
पीएमसी बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी राकेश वधावन और सारंग वधावन के निजी हवाई जहाज़ और लग़्ज़री नाव की नीलामी के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है. पीएमसी बैंक की ओर से जारी इस विज्ञापन में वधावन बंधुों के दो हवाई जहाज डसॉल्ट फैलकन 2000, बॉम्बार्डियर चैलेंजर 300 और एक लग़्ज़री नाव फेरेटी 881 शामिल हैं. माना जा रहा है कि तीनों संपत्ति तक़रीबन 350 करोड़ की है.
हज़ारों करोड़ का यह लोन घोटाला पिछले साल उजागर हुआ था. तब हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड समूह के चेयरमैन राकेश वधावन, उनके बेटे और कंपनी के प्रबंधन निदेश सारंग वधावन, बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयम सिंह और प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल सभी जेल में बंद हैं और वधावन के दोनों हवाई जहाज़ मुंबई एयरपोर्ट पर खड़े हैं जबकि फेरेटी यॉट 881 श्रीलंका के गॉल बंदरगाह पर है.
विज्ञापन में कहा गया है कि खरीदार को बोली का दस फीसदी एडवांस के तौर पर देना होगा. इनमें हवाई जहाज़ के लिए बोली जमा करने की आख़िरी तारीख़ 18 अगस्त है और नीलामी 21 अगस्त को होगी. इसी तरह यॉट के लिए बोली लगाने की आख़िरी तारीख़ 11 अगस्त है जबकि नीलामी 17 अगस्त को होगी. पीएमसी बैंक घोटाले की पड़ताल में सामने आया था कि बैंक ने अपने क़र्ज़ का 73 फीसदी हिस्सा यानि करीब 6,500 करोड़ रूपये सिर्फ एचडीआईएल समूह को दिया था जोकि आरबीआई के नियमों के ख़िलाफ़ था. नियम के मुताबिक बैंक किसी भी कंपनी को अपने कुल कर्ज़ का 15 फीसदी दे सकता है जबकि किसी समूह के लिए यह 20 फीसदी है. फिलहाल एचडीआईएल समूह और इसके मुखिया वधावन की तकरीबन चार हज़ार करोड़ की संपत्ति बैंक के पास गिरवी रखी हुई है और उनपर 4,800 करोड़ से ज़्यादा की रक़म की धोखाधड़ी का आरोप है.
विज्ञापन में कहा गया है कि खरीदार को बोली का दस फीसदी एडवांस के तौर पर देना होगा. इनमें हवाई जहाज़ के लिए बोली जमा करने की आख़िरी तारीख़ 18 अगस्त है और नीलामी 21 अगस्त को होगी. इसी तरह यॉट के लिए बोली लगाने की आख़िरी तारीख़ 11 अगस्त है जबकि नीलामी 17 अगस्त को होगी. पीएमसी बैंक घोटाले की पड़ताल में सामने आया था कि बैंक ने अपने क़र्ज़ का 73 फीसदी हिस्सा यानि करीब 6,500 करोड़ रूपये सिर्फ एचडीआईएल समूह को दिया था जोकि आरबीआई के नियमों के ख़िलाफ़ था. नियम के मुताबिक बैंक किसी भी कंपनी को अपने कुल कर्ज़ का 15 फीसदी दे सकता है जबकि किसी समूह के लिए यह 20 फीसदी है. फिलहाल एचडीआईएल समूह और इसके मुखिया वधावन की तकरीबन चार हज़ार करोड़ की संपत्ति बैंक के पास गिरवी रखी हुई है और उनपर 4,800 करोड़ से ज़्यादा की रक़म की धोखाधड़ी का आरोप है.
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