बिहार चुनाव के मद्देनज़र एक्टर सुशांत सिंह की मौत पर राजनीति तेज़ हुई
बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत को दो महीने पूरे होने वाले हैं लेकिन उनकी मौत से उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए मुंबई और पटना पुलिस के बीच टकराव हुआ है तो इसपर जमकर राजनीति भी हो रही है.
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सियासी पार्टियों ने सुशांत सिंह राजपूत को 'बिहारी अस्मिता' का प्रतीक बना दिया है. नीतीश कुमार सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है तो मुख्य विपक्षी पार्टी राजद का कहना है कि सीबीआई जांच की मांग सबसे पहले उसने ही की थी.
राजनीती महाराष्ट्र में भी इस मुद्दे पर गर्म है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे सरकार पर जांच को प्रभावित करने का आरोप लगा दिया है तो सत्तारुढ़ शिव सेना बीजेपी पर 'लाशों पर राजनीती' करने का आरोप लगा रही है. इस मामले में सुशांत सिंह की महिला मित्र रिया चक्रवर्ती का नाम आने पर उनपर भी जमकर हमले हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर महिलाओं को लेकर तमाम भद्दी टिप्पणियां की जा रही हैं. इस घटना का हवाला देकर कहा जा रहा है कि कैसे महिलाये केवल पैसे को तरजीह देती हैं और बुरे वक़्त में छोड़कर चली जाती हैं. सुशांत सिंह के परिवार ने भी रिया और उनके घरवालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं लेकिन मुंबई पुलिस की जांच में अभी तक रिया के ख़िलाफ़ कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है. सुशांत सिंह की मौत ने पहले से बंटे बॉलीवुड में भी दरार को और गहरा कर दिया है. कई फ़िल्मी सितारे जिनके परिवार पहले से बॉलीवुड में स्थापित हैं, वे सीधे सीधे निशाने पर आ गए हैं. क्योंकि कुछ फ़िल्मी सितारे बड़े फ़िल्मी घरानो और डायरेक्टर-प्रोडूसर पर सुशांत सिंह से काम छीनने का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि मुंबई पुलिस की जांच में अब तक इस आरोप को लेकर भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है. इस बीच उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने विरोध प्रदर्शन किया है और उनकी मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. हालांकि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत जाति धर्म जैसी पहचान में कुछ ख़ास यक़ीन नहीं रखते थे. उनकी गिनती बॉलीवुड के उभरते हुए प्रतिभाशाली अदाकार के साथ-साथ तर्क और विज्ञान में यक़ीन रखने वाली शख़्सियत के रूप में होती थी. साल 2017 में जयपुर में पद्मावत फिल्म की शूटिंग के दौरान जब डायरेक्टर संजय लीला बंसाली को करणी सेना नाम के संगठन के कार्यकर्ताओं ने थप्पड़ मारा था और सेट पर तोड़फोड़ की थी, तब इस घटना के विरोध में सुशांत ने अपने ट्विटर अकाउंट से अपना उपनाम यानि 'राजपूत' शब्द हटा दिया था.
राजनीती महाराष्ट्र में भी इस मुद्दे पर गर्म है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे सरकार पर जांच को प्रभावित करने का आरोप लगा दिया है तो सत्तारुढ़ शिव सेना बीजेपी पर 'लाशों पर राजनीती' करने का आरोप लगा रही है. इस मामले में सुशांत सिंह की महिला मित्र रिया चक्रवर्ती का नाम आने पर उनपर भी जमकर हमले हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर महिलाओं को लेकर तमाम भद्दी टिप्पणियां की जा रही हैं. इस घटना का हवाला देकर कहा जा रहा है कि कैसे महिलाये केवल पैसे को तरजीह देती हैं और बुरे वक़्त में छोड़कर चली जाती हैं. सुशांत सिंह के परिवार ने भी रिया और उनके घरवालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं लेकिन मुंबई पुलिस की जांच में अभी तक रिया के ख़िलाफ़ कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है. सुशांत सिंह की मौत ने पहले से बंटे बॉलीवुड में भी दरार को और गहरा कर दिया है. कई फ़िल्मी सितारे जिनके परिवार पहले से बॉलीवुड में स्थापित हैं, वे सीधे सीधे निशाने पर आ गए हैं. क्योंकि कुछ फ़िल्मी सितारे बड़े फ़िल्मी घरानो और डायरेक्टर-प्रोडूसर पर सुशांत सिंह से काम छीनने का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि मुंबई पुलिस की जांच में अब तक इस आरोप को लेकर भी कोई जानकारी सामने नहीं आई है. इस बीच उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने विरोध प्रदर्शन किया है और उनकी मौत की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. हालांकि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत जाति धर्म जैसी पहचान में कुछ ख़ास यक़ीन नहीं रखते थे. उनकी गिनती बॉलीवुड के उभरते हुए प्रतिभाशाली अदाकार के साथ-साथ तर्क और विज्ञान में यक़ीन रखने वाली शख़्सियत के रूप में होती थी. साल 2017 में जयपुर में पद्मावत फिल्म की शूटिंग के दौरान जब डायरेक्टर संजय लीला बंसाली को करणी सेना नाम के संगठन के कार्यकर्ताओं ने थप्पड़ मारा था और सेट पर तोड़फोड़ की थी, तब इस घटना के विरोध में सुशांत ने अपने ट्विटर अकाउंट से अपना उपनाम यानि 'राजपूत' शब्द हटा दिया था.
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