कोरोना वायरस: RDA का पीएम मोदी को पत्र, डॉक्टर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करे सरकार
कोरोना वायरस से लड़ाई में सबसे आगे कोई हैं तो वो स्वास्थ्य कर्मचारी हैं. इनकी सेफ्टी की अव्वल है. रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पीपीई की ज़रूरतों से अवगत कराया है.
आरडीए ने अपने पत्र में लिखा है, "सोशल मीडिया पर पीपीई यानि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्वीपमेंट्स, टेस्टिंग किट और क्वारंटीन की सुविधाओं को लेकर हमारे फ्रंटलाइन हेल्थ वरकर्स- डॉक्टर्स, नर्स और सपोर्टिव स्टाफ्स अपनी मांगों को लेकर आगे आए हैं. अधिकारियों को इस सूचना को रचनात्मक रूप से देखना चाहिए."
आरडीए ने लिखा, "कोरोना महामारी में अपने साथियों और मरीज़ों के कल्याण के लिए किए गए उनके प्रयासों की सराहना के बजाए उन्हें एक कठोर बैकलेश मिला है. सोशल मीडिया पर एक एक्टिव यूज़र होने के नाते आप डॉक्टर्स के हालात को समझ सकते हैं." हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सात लाख रैपिड टेस्टिंग किट अस्पतालों को दिए जाने की बात कही है. लेकिन ये केवल कुछ क्षेत्रों जैसे की क्लस्टर या कंटोंमेंट ज़ोन की रिपोर्टिंग करने वाले क्षेत्रों में और बड़े माइग्रेशन सेंटर्स और इवेक्वी केन्द्रों पर भेजे जाएंगे. पहली खेप में पांच लाख रैपिड टेस्टिंग किट बुधवार तक दिए जाने हैं. स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने पीपीई के सप्लाई पर कहा है कि पीपीई के ऑर्डर दिए गए हैं. इस हफ्ते में ये राज्यों को भेज दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि चार साख 66 हज़ार पीपीई राज्यों को मुहैया कराए गए हैं. जबकि बिहार ने ही पांच लाख पीपीई कीं मांग की है. दिल्ली सरकार ने दो लाख पीपीई किट की मांग की है. इसी तरह अन्य राज्यों ने केन्द्र सरकार से पीपीई किट को लेकर गुहार लगाई है. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़ 13 लाख एन-95 मास्क राज्यों को दिए गए हैं और एक लाख 53 हज़ार मास्क की ख़रीदारी की जा रही है. बता दें कि पीपीई किट न होने के कारण देशभर में 50 से ज़्यादा डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ कोरोना से संक्रमित हो गए हैं. बीते दिनों दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के दो डॉक्टर के कोरोना पॉज़िटिव होने के बाद 100 से ज़्यादा डॉक्टर्स को क्वारंटीन के लिए भेजा गया है. उधर बिहार में 70 से ज़्यादा डॉक्टर छुट्टी पर चले गए हैं। जिसके बाद बिहार स्वास्थ्य विभाग ने तीन दिनों के भीतर उन डॉक्टर्स से जवाब तलब किया है। रिपोर्ट्स बताते हैं कि आने वाले दिनों में और अधिक पीपीई किट और टेस्टिंग किट की ज़रूरत पड़ेगी. ऐसा में सरकार को प्रमुखता देते हुए डॉक्टर्स की सेफ्टी सुनिश्चित करनी चाहिए, तभी हम कोरोना को भगाने में कामयाब हो सकते हैं।
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आरडीए ने लिखा, "कोरोना महामारी में अपने साथियों और मरीज़ों के कल्याण के लिए किए गए उनके प्रयासों की सराहना के बजाए उन्हें एक कठोर बैकलेश मिला है. सोशल मीडिया पर एक एक्टिव यूज़र होने के नाते आप डॉक्टर्स के हालात को समझ सकते हैं." हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने सात लाख रैपिड टेस्टिंग किट अस्पतालों को दिए जाने की बात कही है. लेकिन ये केवल कुछ क्षेत्रों जैसे की क्लस्टर या कंटोंमेंट ज़ोन की रिपोर्टिंग करने वाले क्षेत्रों में और बड़े माइग्रेशन सेंटर्स और इवेक्वी केन्द्रों पर भेजे जाएंगे. पहली खेप में पांच लाख रैपिड टेस्टिंग किट बुधवार तक दिए जाने हैं. स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने पीपीई के सप्लाई पर कहा है कि पीपीई के ऑर्डर दिए गए हैं. इस हफ्ते में ये राज्यों को भेज दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि चार साख 66 हज़ार पीपीई राज्यों को मुहैया कराए गए हैं. जबकि बिहार ने ही पांच लाख पीपीई कीं मांग की है. दिल्ली सरकार ने दो लाख पीपीई किट की मांग की है. इसी तरह अन्य राज्यों ने केन्द्र सरकार से पीपीई किट को लेकर गुहार लगाई है. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़ 13 लाख एन-95 मास्क राज्यों को दिए गए हैं और एक लाख 53 हज़ार मास्क की ख़रीदारी की जा रही है. बता दें कि पीपीई किट न होने के कारण देशभर में 50 से ज़्यादा डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ कोरोना से संक्रमित हो गए हैं. बीते दिनों दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के दो डॉक्टर के कोरोना पॉज़िटिव होने के बाद 100 से ज़्यादा डॉक्टर्स को क्वारंटीन के लिए भेजा गया है. उधर बिहार में 70 से ज़्यादा डॉक्टर छुट्टी पर चले गए हैं। जिसके बाद बिहार स्वास्थ्य विभाग ने तीन दिनों के भीतर उन डॉक्टर्स से जवाब तलब किया है। रिपोर्ट्स बताते हैं कि आने वाले दिनों में और अधिक पीपीई किट और टेस्टिंग किट की ज़रूरत पड़ेगी. ऐसा में सरकार को प्रमुखता देते हुए डॉक्टर्स की सेफ्टी सुनिश्चित करनी चाहिए, तभी हम कोरोना को भगाने में कामयाब हो सकते हैं।
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