रिहा भारतीय नागरिक का दावा, 'मुझे भारतीय सीमा से खींचकर ले गए थे नेपाली प्रहरी'
नेपाल पुलिस की हिरासत में चल रहे भारतीय नागरिक लगन किशोर को 24 घंटे के बाद रिहा कर दिया गया है. शुक्रवार की सुबह बिहार के सीतामढ़ी ज़िले से लगी भारत-नेपाल सीमा के नज़दीक नेपाली सैनिकों ने फायरिंग की थी. इस कार्रवाई में एक शख़्स की मौत हुई थी जबकि दो लोग ज़ख़्मी हुए थे. उसी दौरान लगन किशोर को नेपाली सैनिकों ने बंदी बना लिया था. तब नेपाल के सर्लाही ज़िले के एसपी गंगाराम श्रेष्ठ ने दावा किया था कि लगन किशोर ने नेपाली प्रहरियों का हथियार छीनने की कोशिश की जिसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया.
वहीं रिहाई के बाद लगन किशोर इसकी ठीक उलट कहानी बता रहे हैं. उनके मुताबिक, नेपाली प्रहरियों के फायरिंग करने पर सभी भारतीय नागरिक अपनी सीमा की ओर भागे लेकिन नेपाली प्रहरी उन्हें भारतीय सीमा से खींचकर अपनी सीमा में ले गए. उन्होंने मुझे राइफल की बट से मारा और संग्रामपुर लेकर गए.
वीडियो देखिए नेपाली सैनिकों ने यह कबूलने का दबाव बनाया कि उन्होंने मुझे नेपाल की सीमा में ही पकड़ा नाकि भारतीय सीमा में. मैंने उनसे साफ कहा कि मेरी हत्या भी हो जाए लेकिन यही कहूंगा कि मुझे यहां भारतीय सीमा से पकड़कर लाया गया है.
वीडियो देखिए नेपाली सैनिकों ने यह कबूलने का दबाव बनाया कि उन्होंने मुझे नेपाल की सीमा में ही पकड़ा नाकि भारतीय सीमा में. मैंने उनसे साफ कहा कि मेरी हत्या भी हो जाए लेकिन यही कहूंगा कि मुझे यहां भारतीय सीमा से पकड़कर लाया गया है.
इस पूरे मामले की तफ़्तीश सीतामढ़ी ज़िले की पुलिस कर रही है. वहीं नेपाल की सर्लाही ज़िले की पुलिस ने भी अपनी रिपोर्ट तैयार की है. एसएसबी ने शुरुआती घटनाक्रम के आधार पर एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी है लेकिन फायरिंग की इस घटना से दोनों देशों के रिश्तों में कड़वापन ज़रूर आया है.We ran to return to India when they started firing,but they dragged me from Indian side,hit me with rifle butt&took me to Nepal's Sangrampur. They told me to confess that I was brought there from Nepal. I told them you can kill me but I was brought there from India: Lagan Kishore https://t.co/NgTmUXK9th pic.twitter.com/jJLqkDuPMi
— ANI (@ANI) June 13, 2020
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