पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को हम कितना जानते हैं?

by Ankush Choubey 4 years ago Views 1690

Remembering India's Missile Man
वे इस्लाम को मानते थे, रोज़ा और नमाज़ के पाबंद थे, उनके एक हाथ में कुरान और दूसरे में गीता हुआ करती थी. वे हिन्दू संस्कृति के अच्छे जानकार थे, उन्होंने संस्कृत भाषा सीख रखी थी खाली समय में वे वीणा बजाते थे. उनके पिता मस्जिद के इमाम थे लेकिन उनके घर तक पहुँचते- पहुँचते धर्म और जाती की दीवार टूट कर बिखरने लगती थी सही मन्ये में सच्चे और secular भारत के 11वे राष्ट्रपति डॉ. A. P. J. Abdul Kalam.

उन्होंने देश के कुछ सबसे महत्वपूर्ण संगठनों (डीआरडीओ और इसरो) में कार्य किया. उन्होंने वर्ष 1998 के पोखरण द्वितीय परमाणु परिक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश में परमाणु बम जैसे विनाशकारी हथियारों को बढ़ावा देने जैसे आरोप उनपर लगे जिसको लेकर उनकी आलोचना भी हुई.


डॉ कलाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और मिसाइल विकास कार्यक्रम के साथ भी जुड़े और इसी कारण उन्हें ‘मिसाइल मैन’ भी कहा जाता है. उन्होंने कई किताबेँ भी लिखी जिसमे विंग्स ऑफ़ फायर सबसे ज्यादा चर्चित रही.

साल 1981 में पद्म भूषण और 1990 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. साल 1997 में उन्हें  रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के वैज्ञानिक अनुसंधान और आधुनिकीकरण के क्षेत्र में योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया गया साल 2002 में वे देश के राष्ट्रपति चुने गए. 2015 संयुक्त राष्ट्र ने डॉ कलाम के जन्मदिन को "विश्व छात्र दिवस"World Student's Day के रूप में मान्यता दी.

वीडियो देखिये

तमिलनाडु के रामेश्वरम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा उनकी याद में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम नेशनल मेमोरियल बनाया गया है. तमिलनाडु राज्य सरकार ने घोषणा की कि उनका जन्मदिन 15 अक्टूबर को पूरे राज्य में "युवा पुनर्जागरण दिवस" Youth Renaissance Day के रूप में जाता है. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर विश्व की सबसे छोटी सेटीलाइट- कलामसैट- बनाई गई है जिसे 18 वर्षीय भारतीय ने बनाया है.

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