सिख संगठनों की मांग पूरी, अमेरिकी जनगणना में अलग जातीय समुह के रूप में गिनती
अमेरिका में पहली 2020 की जनगणना में सिखों को अलग जातीय समूह के तौर पर गिना जाएगा। यूनाइटेड सिख्स ने इस कदम को मील का पत्थर बताया हैं।
इस साल अमेरिका में जनगणना में सिखों को अलग जातीय समूह के तौर पर गिना जाएगा। ये पहली बार होगा जब अमेरिकी जनगणना में अल्पसंख्यक समूह की अलग से गिनती की जाएगी। सिख सोसायटी ऑफ सैन डिएगो के अध्यक्ष बलजीत सिंह ने कहा कि सिख समुदाय की कोशिशों से ही ये मुमकिन हो पाया है।
इस कदम से ना सिर्फ सिख समुदाय के लिए बल्कि अमेरिका में रह रही अन्य जातीयों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने का रास्ता खोला हैं। यूएस सेंस के उप निदेशक रॉन जैमिन ने कहा कि सिखों की अलग पहचान को मान्यता देते हुए ये स्पष्ट है कि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में सिखों की गिनती के लिए अलग कोड कि जरुरत होगी जिसे अमेरिकी जनगणना में कोड किया जाएगा। यूनाइटेड सिख के मुताबिक अमेरिका में रहने वाले सिखों की संख्या तकरीबन 10 लाख हैं जो एक अलग भाषा, संस्कृति का इतिहास रखते हैं। बता दें कि कई बार सिख एसोसिएशन अमेरिका में जनसंख्य़ा गणना विभाग से मिलता रहा हैं। 6 जनवरी को उसने सैन डिएगो में फिर जनसंख्या गणना में मुलाकात की थी। जिसके बाद अब उनकी गिनती अलग से करने की मंजूरी मिल गई हैं। वीडियो देखिये संगठन की मांग थी कि समुदाय को एक अलग जातीय समूह के तौर पर जोड़ा जाए ताकि अमेरिकी संघीय रजिस्टर के साथ सिखों को धमकाने और समुदाय के खिलाफ किसी तरह के कोई अपराध या कोई बड़े मुद्दों को हल करने के लिए कार्रवाई की जा सके। बता दें कि सेंसस में अभी तक अपने मूलदेश के बारे में ही कॉलम था। लेकिन अब उसके साथ सब कॉलम बना दिये गये हैं। जिसमें सिख अपने आपको एसियन इंडियन के तौर पर दर्ज कराने के साथ ही धार्मिक जातीयता के वर्ग में रजिस्टर करवाएंगे.
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इस कदम से ना सिर्फ सिख समुदाय के लिए बल्कि अमेरिका में रह रही अन्य जातीयों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने का रास्ता खोला हैं। यूएस सेंस के उप निदेशक रॉन जैमिन ने कहा कि सिखों की अलग पहचान को मान्यता देते हुए ये स्पष्ट है कि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में सिखों की गिनती के लिए अलग कोड कि जरुरत होगी जिसे अमेरिकी जनगणना में कोड किया जाएगा। यूनाइटेड सिख के मुताबिक अमेरिका में रहने वाले सिखों की संख्या तकरीबन 10 लाख हैं जो एक अलग भाषा, संस्कृति का इतिहास रखते हैं। बता दें कि कई बार सिख एसोसिएशन अमेरिका में जनसंख्य़ा गणना विभाग से मिलता रहा हैं। 6 जनवरी को उसने सैन डिएगो में फिर जनसंख्या गणना में मुलाकात की थी। जिसके बाद अब उनकी गिनती अलग से करने की मंजूरी मिल गई हैं। वीडियो देखिये संगठन की मांग थी कि समुदाय को एक अलग जातीय समूह के तौर पर जोड़ा जाए ताकि अमेरिकी संघीय रजिस्टर के साथ सिखों को धमकाने और समुदाय के खिलाफ किसी तरह के कोई अपराध या कोई बड़े मुद्दों को हल करने के लिए कार्रवाई की जा सके। बता दें कि सेंसस में अभी तक अपने मूलदेश के बारे में ही कॉलम था। लेकिन अब उसके साथ सब कॉलम बना दिये गये हैं। जिसमें सिख अपने आपको एसियन इंडियन के तौर पर दर्ज कराने के साथ ही धार्मिक जातीयता के वर्ग में रजिस्टर करवाएंगे.
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