गुजरात के स्वामी नारायाण मंदिर में नकली नोटों का रैकेट, मास्टरमाइंड पुजारी गिरफ़्तार
नकली नोटों के लिए बदनाम गुजरात में फिर एक रैकेट पकड़ा गया है. इस बार सूरत पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक मंदिर के महंत को नकली नोटों के साथ पकड़ा जो इस गिरोह का मास्टरमाइंड है.
गुजरात में सूरत पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली नोट छापने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस गिरोह का मास्टरमाइंड स्वामी नारायण मंदिर का एक पुजारी राधा रमण है जिसे खेड़ा ज़िले से गिरफ़्तार किया गया. पुजारी के अलावा गिरोह के चार सदस्य सूरत से पकड़े गए. पहली गिरफ्तारी सूरत से प्रतीक दिलीप चौवड़िया की हुई.
सूरत क्राइम ब्रांच ने चारों मुलज़िमों से पूछताछ की तो नकली नोटों का मास्टरमाइंड एक मंदिर का पुजारी राधा रमण स्वामी निकला. मुलज़िमों ने बताया कि नकली नोट मंदिर में छापी गई थी. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के नए आंकड़े बताते हैं कि गुजरात में नकली नोटों का कारोबार सबसे ज़्यादा फलता फूलता है. साल 2017 में यहां सबसे ज़्यादा 9 करोड़ के नकली नोट पकड़े गए. वहीं दिल्ली में 6.7 करोड़, उत्तर प्रदेश में 2.8 करोड़ और पश्चिम बंगाल में 1.9 करोड़ के नकली नोट पकड़े गए. वीडियो देखिये एनसीआरबी के आंकड़े यह भी बताते हैं कि साल 2016 में 15.1 करोड़ के नकली नोट बरामद हुए थे लेकिन 2017 में नकली नोटों की संख्या दोगुनी हो गई और कुल 28.1 करोड़ के नकली नोट पकड़े गए. ज़्यादातर नकली नोट 2000 के हैं जिसे 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू होने के बाद शुरू किया गया था. तब कहा गया था कि नोटबंदी लागू होने से देश में नकली नोटों का कारोबार भी थम जाएगा.
सूरत क्राइम ब्रांच ने चारों मुलज़िमों से पूछताछ की तो नकली नोटों का मास्टरमाइंड एक मंदिर का पुजारी राधा रमण स्वामी निकला. मुलज़िमों ने बताया कि नकली नोट मंदिर में छापी गई थी. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के नए आंकड़े बताते हैं कि गुजरात में नकली नोटों का कारोबार सबसे ज़्यादा फलता फूलता है. साल 2017 में यहां सबसे ज़्यादा 9 करोड़ के नकली नोट पकड़े गए. वहीं दिल्ली में 6.7 करोड़, उत्तर प्रदेश में 2.8 करोड़ और पश्चिम बंगाल में 1.9 करोड़ के नकली नोट पकड़े गए. वीडियो देखिये एनसीआरबी के आंकड़े यह भी बताते हैं कि साल 2016 में 15.1 करोड़ के नकली नोट बरामद हुए थे लेकिन 2017 में नकली नोटों की संख्या दोगुनी हो गई और कुल 28.1 करोड़ के नकली नोट पकड़े गए. ज़्यादातर नकली नोट 2000 के हैं जिसे 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी लागू होने के बाद शुरू किया गया था. तब कहा गया था कि नोटबंदी लागू होने से देश में नकली नोटों का कारोबार भी थम जाएगा.
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