योगी सरकार से परेशान शख़्स चीखा, ‘भारत में अत्याचार बहुत है’
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में सरकारी योजना का फायदा सभी ज़रूरतमंदों को मिल रहा है या नहीं, यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता. पश्चिमी यूपी के अमरोहा में ऐसा ही एक मामला सामने आया जहां ग़रीबी रेखा के नीचे ज़िंदगी गुज़ार रहा एक शख़्स अपनी बूढ़ी मां की पेंशन के लिए चार साल से भटक रहा है. इस शख़्स का आरोप है कि वृद्धा पेंशन की मामूली रक़म देने के लिए भी अफ़सर उससे रिश्वत मांग रहे हैं.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में ग़रीब आदमी का हाल कैसा है, इसकी एक बानगी पश्चिमी यूपी के अमरोहा में दिखी. यहां राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सरकारी कामकाज का जायज़ा लेने आई थीं. जब आनंदीबेन पटेल गजरौला के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय पहुंची तो अपनी फरियाद लिए एक शख़्स चंद्रसेन ने उनसे मिलने की कोशिश की. मगर अफ़सरों ने चंद्रसेन को मुलाक़ात से रोक दिया और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अपना काफ़िला लेकर निकल गईं. इसके बाद चंद्रसेन चीखने चिल्लाने लगे. चंद्रसेन चीख रहे थे कि वो भारत के नागरिक हैं और भारत में अत्याचार बहुत है.
चंद्रसेन ने बताया कि वो अपनी बूढ़ी मां की पेंशन के लिए चार साल से भटक रहे हैं लेकिन अफसर पेंशन देने के लिए रिश्वत मांगते हैं. चंद्रसेन के मुताबिक उनकी मां 20 दिन पहले छत से गिर गईं और इलाज के लिए पैसे नहीं होने के चलते तभी से चारपाई पर पड़ी हैं. चंद्रसेन ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार का प्रशासन बिना रिश्वत के सुनवाई नहीं करता. वीडियो देखिये वृद्धापेंशन योजना का लाख ग़रीबी रेखा के नीचे ज़िंदगी गुज़ारे वालों को मिलता है. दिल्ली, हरियाणा, आंध्रप्रदेश में इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को 1000 रुपए हर महीने मिलते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में यह रक़म महज़ 300 रुपए है. यह रक़म भी दो छमाही किस्तों में अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है लेकिन अफसर बेहद मामूली रक़म का लाभ भी बिना रिश्वत पहुंचाने को तैयार नहीं.
चंद्रसेन ने बताया कि वो अपनी बूढ़ी मां की पेंशन के लिए चार साल से भटक रहे हैं लेकिन अफसर पेंशन देने के लिए रिश्वत मांगते हैं. चंद्रसेन के मुताबिक उनकी मां 20 दिन पहले छत से गिर गईं और इलाज के लिए पैसे नहीं होने के चलते तभी से चारपाई पर पड़ी हैं. चंद्रसेन ने आरोप लगाया कि यूपी सरकार का प्रशासन बिना रिश्वत के सुनवाई नहीं करता. वीडियो देखिये वृद्धापेंशन योजना का लाख ग़रीबी रेखा के नीचे ज़िंदगी गुज़ारे वालों को मिलता है. दिल्ली, हरियाणा, आंध्रप्रदेश में इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को 1000 रुपए हर महीने मिलते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश में यह रक़म महज़ 300 रुपए है. यह रक़म भी दो छमाही किस्तों में अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है लेकिन अफसर बेहद मामूली रक़म का लाभ भी बिना रिश्वत पहुंचाने को तैयार नहीं.
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