लॉकडाउन के बावजूद देश में क्यों बढ़े कोरोना के मामले?
देशभर में लॉकडाउन के बावजूद कोरोना के मामलों में ज़बरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है। यहां अबतक 42,000 से ज़्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया और तब देशभर में केवल 657 मामले दर्ज हुए थे।
इसके बाद मामलों में ज़बरदस्त बढ़ोत्तरी हुई और महज़ दस दिनों में ये आंकड़ा चार हज़ार के पार पहुंच गया। अब लॉकडाउन को 40 दिन पूरे हो चुके हैं और इस बीच कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या 42,533 हो चुकी है।
यदि टॉप दस देशों में किए गए लॉकडाउन और वहां मामलों में आई गिरावट की दर पर ग़ौर करें तो जर्मनी में 22 मार्च से लॉकडाउन लागू हुआ और यहां 28 मार्च को सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किये गए और उसके बाद ग्राफ़ नीचे चला गया यानि महज़ छ: दिनों के भीतर मामलों में गिरावट देखने को मिली। इटली में 10 मार्च से लॉकडाउन लागू हुआ और यहां 22 मार्च को सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किए गए और उसके बाद नीचे आ गए यानि 12 दिनों के भीतर मामलों में गिरावट देखने को मिली। इसी तरह आयरलैंड में 12 दिनों में मामलों में गिरावट देखी गई, फ्रांस में 16 दिनों में, स्पेन में 18 दिनों में, इंग्लैंड में 20 दिनों में, डेनमार्क में 28 दिनों में और बेल्जियम में 30 दिनों में कोरोना के मामलों में गिरावट देखी गई जबकि भारत में 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बावजूद प्रत्येक दिन मामलों में उछाल देखने को मिल रहा है। हालांकि भारत में लॉकडाउन की घोषणा किए जाने के बाद से ही प्रवासी कामगारों और दिहाड़ी मज़दूरों का पलायन शुरू हुआ जो अबतक थमा नहीं है। उधर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश लौटे सात मज़दूर कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं जो एक ख़तरे का संकेत है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़ देश के 733 ज़िलों में महज़ 20 ज़िले ऐसे हैं जहां 72 फीसदी कोरोना मरीज़ों की संख्या और संक्रमित मरीज़ों की मौत हुई है। इनमें महाराष्ट्र के पांच, गुजरात के तीन, तमिलनाडु के एक, राजस्थान के तीन, मध्यप्रदेश के दो, उत्तर प्रदेश के दो, आंध्र प्रदेश के तीन और तेलंगाना के एक ज़िले शामिल हैं।
यदि टॉप दस देशों में किए गए लॉकडाउन और वहां मामलों में आई गिरावट की दर पर ग़ौर करें तो जर्मनी में 22 मार्च से लॉकडाउन लागू हुआ और यहां 28 मार्च को सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किये गए और उसके बाद ग्राफ़ नीचे चला गया यानि महज़ छ: दिनों के भीतर मामलों में गिरावट देखने को मिली। इटली में 10 मार्च से लॉकडाउन लागू हुआ और यहां 22 मार्च को सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किए गए और उसके बाद नीचे आ गए यानि 12 दिनों के भीतर मामलों में गिरावट देखने को मिली। इसी तरह आयरलैंड में 12 दिनों में मामलों में गिरावट देखी गई, फ्रांस में 16 दिनों में, स्पेन में 18 दिनों में, इंग्लैंड में 20 दिनों में, डेनमार्क में 28 दिनों में और बेल्जियम में 30 दिनों में कोरोना के मामलों में गिरावट देखी गई जबकि भारत में 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बावजूद प्रत्येक दिन मामलों में उछाल देखने को मिल रहा है। हालांकि भारत में लॉकडाउन की घोषणा किए जाने के बाद से ही प्रवासी कामगारों और दिहाड़ी मज़दूरों का पलायन शुरू हुआ जो अबतक थमा नहीं है। उधर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश लौटे सात मज़दूर कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं जो एक ख़तरे का संकेत है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़ देश के 733 ज़िलों में महज़ 20 ज़िले ऐसे हैं जहां 72 फीसदी कोरोना मरीज़ों की संख्या और संक्रमित मरीज़ों की मौत हुई है। इनमें महाराष्ट्र के पांच, गुजरात के तीन, तमिलनाडु के एक, राजस्थान के तीन, मध्यप्रदेश के दो, उत्तर प्रदेश के दो, आंध्र प्रदेश के तीन और तेलंगाना के एक ज़िले शामिल हैं।
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