विश्व स्वास्थ्य संगठन की चेतावनी, भारत में कोरोना विस्फोट का जोखिम बरक़रार
देश में पिछले 5 दिनों में 40 हज़ार से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ चुके है और 66 दिन से ज्यादा चले लॉकडाउन के बाजवूद देश में कोरोना का संक्रमण तेज़ी से फ़ैल रहा है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक प्रमुख विशेषज्ञ मिशेल रियान ने दावा किया है कि तालाबंदी खोलने की तरफ बढ़ने से स्थिति विस्फोटक नहीं हुई है लेकिन जोखिम बरक़रार है।
हालांकि मिशेल रियान का ये भी मानना है कि फ़िलहाल देश में स्तिथि काबू से बाहर नहीं है। उनके अनुमान के मुताबिक देश में केस के दोगुना होने की रफ़्तार फ़िलहाल 3 हफ्ते है।
भारत 2 लाख 36 हज़ार कोविड-19 मामलो के साथ इटली को पीछे छोड़कर दुनिया का छठा सबसे ज्यादा ग्रसित देश बन गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि लॉकडाउन हटने से भारत में कोरोना वायरस के मामलों में उछाल देखने को मिल सकता है। जिस रफ्तार से भारत में कोरोना के मामले बढ रहे हैं, संभव है भारत विश्व तालिका में यह और ऊपर पहुंच जाए। फिलहाल एशिया में तो पहले नंबर पर आ ही गया है। कोरोना ने पूरी दुनिया की चिकित्सा प्रणाली को हिला कर रख दिया है। भारत में भी अब ये महामारी तेज़ी से फ़ैल रही है जिससे सभी लोगो को सरकारी स्वास्थ दे पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में सहारा है तो महंगे प्राइवेट अस्पतालों का लेकिन भारत जैसे विकासशील देश में निजी अस्पताल करोड़ों लोगों की पहुंच से बाहर है। ऐसे में विश्व स्वास्थ संगठन ने कहा कि भारत को स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत पर ध्यान देने की बेहद ज़रूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया डॉक्टर टेडरॉस ने कहा कि भारत सरकार को आयुष्मान भारत योजना ख़ास तौर पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने का एक अवसर है। अब इसे बेहतर ढंग से लागू किया जाए तो ये इस महामारी से निपटने में मददगार साबित हो सकता है। मोदी सरकार ने साल 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। सरकार का दावा है कि आयुष्मान भारत योजना दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा योजना है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इस योजना के तहत अबतक एक करोड़ से ज़्यादा लोगों को जोड़ा जा चुका है और उन तक फायदा पहुंचाया जा रहा है। हालांकि इस लॉकडाउन में हर तरह की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई है और पहले के मुक़ाबले इस योजना से जुड़े मरीज़ों में कमी देखने को मिली है।
भारत 2 लाख 36 हज़ार कोविड-19 मामलो के साथ इटली को पीछे छोड़कर दुनिया का छठा सबसे ज्यादा ग्रसित देश बन गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा है कि लॉकडाउन हटने से भारत में कोरोना वायरस के मामलों में उछाल देखने को मिल सकता है। जिस रफ्तार से भारत में कोरोना के मामले बढ रहे हैं, संभव है भारत विश्व तालिका में यह और ऊपर पहुंच जाए। फिलहाल एशिया में तो पहले नंबर पर आ ही गया है। कोरोना ने पूरी दुनिया की चिकित्सा प्रणाली को हिला कर रख दिया है। भारत में भी अब ये महामारी तेज़ी से फ़ैल रही है जिससे सभी लोगो को सरकारी स्वास्थ दे पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में सहारा है तो महंगे प्राइवेट अस्पतालों का लेकिन भारत जैसे विकासशील देश में निजी अस्पताल करोड़ों लोगों की पहुंच से बाहर है। ऐसे में विश्व स्वास्थ संगठन ने कहा कि भारत को स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत पर ध्यान देने की बेहद ज़रूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुखिया डॉक्टर टेडरॉस ने कहा कि भारत सरकार को आयुष्मान भारत योजना ख़ास तौर पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने का एक अवसर है। अब इसे बेहतर ढंग से लागू किया जाए तो ये इस महामारी से निपटने में मददगार साबित हो सकता है। मोदी सरकार ने साल 2018 में आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की थी। सरकार का दावा है कि आयुष्मान भारत योजना दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा योजना है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इस योजना के तहत अबतक एक करोड़ से ज़्यादा लोगों को जोड़ा जा चुका है और उन तक फायदा पहुंचाया जा रहा है। हालांकि इस लॉकडाउन में हर तरह की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई है और पहले के मुक़ाबले इस योजना से जुड़े मरीज़ों में कमी देखने को मिली है।
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