इसरो ने सफलतापूर्वक लॉन्च की 14 सैटेलाइट्स
बुधवार को इसरो ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारतीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए सर्विलांस सैटेलाइट्स लॉन्च की। कार्टोसेट-3 नाम की सैटेलाइट के साथ 13 नेनो सेटेलाइट्स को भी सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो ने आज 9 बजकर 28 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा लॉन्च पैड से 27 मिनट में 14 सैटेलाइट्स लॉन्च किये। इन सैटेलाइट्स में सबसे अहम सैटेलाइट कार्टोसेट-3 है जो एक सैन्य जासूसी सैटेलाइट के तौर पर काम करेगी। इस सैटेलाइट के ज़रिए भारतीय सीमाओं की निगरानी रखी जाएगी।
कार्टोसैट-3 पांच साल तक काम करेगा। दरअसल पीएसएलवी सी-47 रॉकेट अपने साथ थर्ड जनरेशन की अर्थ इमेजिंग सैटलाइट कार्टोसेट- 3 और अमेरिका के 13 कमर्शल नेनो सैटलाइट्स को लेकर उड़ान भरी…. इसरो के मुताबिक कार्टसेट-3 को 509 किलोमीटर ऑर्बिट में स्थापित किया जाना है। बताया जा रहा है कि कार्टोसैट-3 का कैमरा इतना ताकतवर है कि वह अंतरिक्ष से जमीन पर 1 फीट से भी कम की ऊंचाई तक की तस्वीर ले सकेगा. इस कैमरे के जरिए बेहद बारिक चीजों को भी स्पष्ट देखा जा सकेगा। सेटेलाइट कार्टोसेट-3 अंतरिक्ष में 509 किलोमीटर दूर 97.5 डिग्री के झुकाव के साथ कक्षा में स्थापित होगी। वीडियो देखें: इसरो की सफतला को देखने बड़ी मात्रा में लोग भी सतीश धवन स्पेस सेंटर पहुंचे। जुलाई में भारत के मून मिशन चंद्रयान-2 के बाद इसरो यह पहला सैटेलाइट लॉन्च किया है। कार्टसेट-3 के बाद इसरो दिसंबर में दो और सर्विलांस सैटलाइट लॉन्च करेगा। रीसैट-2 बीआर1 और रीसैट 2 बीआर 2। इन्हें पीएसएलवीसी 48 और पीएसएलवीसी 49 की मदद से दिसंबर में श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। इन सैटलाइट्स को बॉर्डर सिक्यॉरिटी के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि सीमा सुरक्षा के लिए ये सैटलाइट अंतरिक्ष में भारत की आंख का काम करेंगी।
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कार्टोसैट-3 पांच साल तक काम करेगा। दरअसल पीएसएलवी सी-47 रॉकेट अपने साथ थर्ड जनरेशन की अर्थ इमेजिंग सैटलाइट कार्टोसेट- 3 और अमेरिका के 13 कमर्शल नेनो सैटलाइट्स को लेकर उड़ान भरी…. इसरो के मुताबिक कार्टसेट-3 को 509 किलोमीटर ऑर्बिट में स्थापित किया जाना है। बताया जा रहा है कि कार्टोसैट-3 का कैमरा इतना ताकतवर है कि वह अंतरिक्ष से जमीन पर 1 फीट से भी कम की ऊंचाई तक की तस्वीर ले सकेगा. इस कैमरे के जरिए बेहद बारिक चीजों को भी स्पष्ट देखा जा सकेगा। सेटेलाइट कार्टोसेट-3 अंतरिक्ष में 509 किलोमीटर दूर 97.5 डिग्री के झुकाव के साथ कक्षा में स्थापित होगी। वीडियो देखें: इसरो की सफतला को देखने बड़ी मात्रा में लोग भी सतीश धवन स्पेस सेंटर पहुंचे। जुलाई में भारत के मून मिशन चंद्रयान-2 के बाद इसरो यह पहला सैटेलाइट लॉन्च किया है। कार्टसेट-3 के बाद इसरो दिसंबर में दो और सर्विलांस सैटलाइट लॉन्च करेगा। रीसैट-2 बीआर1 और रीसैट 2 बीआर 2। इन्हें पीएसएलवीसी 48 और पीएसएलवीसी 49 की मदद से दिसंबर में श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा। इन सैटलाइट्स को बॉर्डर सिक्यॉरिटी के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि सीमा सुरक्षा के लिए ये सैटलाइट अंतरिक्ष में भारत की आंख का काम करेंगी।
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