बैंकों के विलय से होगी मुश्किल, पांच ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य तक कैसे पहुंचा जाएगा: अश्विनी राणा
10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े सरकारी बैंक बनाने की योजना के खिलाफ़ बैंकिंग संगठनों का विरोध शुरू हो गया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में बैंक कर्मचारियों के संगठनों ने केंद्र सरकार के इस फ़ैसले को घातक बताया है।
दिल्ली बैंक संगठनों ने कनॉट प्लेस इलाक़े में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की शाखा पर जमा होकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल ऑल इंडिया बैंक एम्पलॉइज़ एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जेपी शर्मा ने कहा कि, विलय का फ़ैसला बैंकों के हित में नहीं है। इससे न कर्मचारियों को फ़ायदा होगा न ही ग्राहकों को।
दिल्ली प्रदेश बैंक वर्कर्स के महासचिव अश्विनी राणा ने कहा कि विलय के बाद बैंकों में दो साल तक ढंग से काम नहीं हो पाएगा, फिर पांच ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य तक कैसे पहुंचा जाएगा। प्रदर्शनकारियों को डर है कि बैंकों के विलय के बाद न सिर्फ कर्मचारियों की छंटनी होगी बल्कि शाखाएं भी बंद होंगी जिससे नए कर्मचारियों की भर्ती पर असर पड़ेगा। इसके अलावा कर्मचारियों और अधिकारियों की सेवा शर्तों, प्रोमोशन, सीनियरिटी, ट्रांसफर का एकीकरण बहुत मुश्किल हो जाएगा। बैंक संगठनों ने आगाह किया है कि आने वाले दिनों में इस फैसले के ख़िलाफ़ देशव्यापी हड़ताल भी बुलाई जा सकती है।
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दिल्ली प्रदेश बैंक वर्कर्स के महासचिव अश्विनी राणा ने कहा कि विलय के बाद बैंकों में दो साल तक ढंग से काम नहीं हो पाएगा, फिर पांच ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य तक कैसे पहुंचा जाएगा। प्रदर्शनकारियों को डर है कि बैंकों के विलय के बाद न सिर्फ कर्मचारियों की छंटनी होगी बल्कि शाखाएं भी बंद होंगी जिससे नए कर्मचारियों की भर्ती पर असर पड़ेगा। इसके अलावा कर्मचारियों और अधिकारियों की सेवा शर्तों, प्रोमोशन, सीनियरिटी, ट्रांसफर का एकीकरण बहुत मुश्किल हो जाएगा। बैंक संगठनों ने आगाह किया है कि आने वाले दिनों में इस फैसले के ख़िलाफ़ देशव्यापी हड़ताल भी बुलाई जा सकती है।
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