बिटकॉइन के सामने सोने की चमक पड़ी फीकी

by Rahul Gautam 3 years ago Views 5870

Gold shine dulls in front of bitcoin
कोरोनावायरस के चलते हुए वैश्विक लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को उलट पलट कर रख दिया है। अब ना तो पेट्रोल सम्पन्न देश चांदी काट रहे है, और ना ही सोने के पीछे लोग भाग रहे है। पिछले साल दिसंबर में कोरोना वायरस के सामने आए मामलों के बाद के आकड़े बताते है की सबसे ज्यादा चमक बढ़ी है क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की।

आकड़ो के मुताबिक यहां 1 जनवरी से 1 मई तक सोने के कीमतों में जहा 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं तेल की कीमतें तो ऐसे गिर रही है जैसे पाताल छूना चाह रही हो। दुनियाभर में थमी हुई आर्थिक गतिविधियों के कारण तो तेल की कीमतों में पिछले पांच महीनों में लगभग 162 फीसदी की कमी आई है। सोने की कीमतों में उछाल का कारण है पूरी दुनिया में मची असमंझस।


लेकिन अगर सोना और तरल सोना यानी पेट्रोल की तुलना बिटकॉइन से करें तो मालूम पड़ता है की असली सिकंदर बिटकॉइन है। कारण है इसकी कीमतों में पिछले पांच महीनों में लगभग 35 फीसदी की बढ़ोतरी यानी सोने से दुगने से भी ज्यादा।

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बिटकॉइन की कीमत में इतने बड़े उछाल का कारण है, आधार में कमी लाना जोकि 11 मई से शुरू हुआ। वैसे तो ये एक जटिल प्रक्रिया है पर मोटा मोटा मान लीजिये की इसमें बिटकॉइन की सप्लाई को आधा कर दिया जाता है ताकि कीमतें बाजार में चढ़ी रहे। हर चार साल में होने वाली प्रक्रिया पहले से तय होती है जिससे बाजार में बिटकॉइन की सप्लाई डिमांड में एक गैप रहे और कीमतें चढ़ी रहे।

लेकिन इस बार के उछाल के लिए पूरी दुनिया में मची उथल पुथल भी ज़िम्मेदार है। कह सकते है की लोग सोने के आगे जाकर इस भविष्य की मुद्रा में भी निवेश करने के लिए तैयार है। साथ ही ऑनलाइन व्यापार का बाजार तेज़ी से बढ़ रहा है जिसके भुगतान बिटकॉइन से हो सकते है। अभी भारत जैसे कई देशों में बिटकॉइन पर पाबन्दी है लेकिन चीन ने अपना आधिकारिक बिटकॉइन लाने का काम शुरू कर दिया है। भारत को भी गंभीरता से इस बारे में सोचना होगा वरना भविष्य की वित्तीय व्यवस्था से वो अलग-थलग पड़ सकता है।

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