सीबीएसई के 10वीं और 12वीं के पाठ्यक्रम से कई अहम चैप्टर हटाये गए

by Ankush Choubey 3 years ago Views 1201

12 arrested, including CEO and MD of company in Vi
कोरोना महामारी के चलते सीबीएसई ने 9वीं से 12वीं तक के सिलेबस में 30 फीसदी तक कटौती कर दी है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि यह कटौती सिर्फ 2020-21 के लिए मान्य होगी। हालाँकि सिलेबस से जिन चैप्टरों को हटाया गया है, उनपर सवाल खड़े हो गये हैं. 

कक्षा 9वीं और 10वीं के हिंदी के काव्य खंड से बड़े-बड़े कवि और लेखक की रचनाओं को हटा दिया गया है जिनमें सत्यजित राय की अपू के साथ ढाई साल, सैयद हैदर रजा की आत्मा का ताप, रामनरेश त्रिपाठी की पथिक, मन्नू भंडारी की एक कहानी यह भी, महावीर प्रसाद द्विवेदी की स्त्री-शिक्षा के विरोधी, नागार्जुन की यह दंतुरित मुस्कान समेत अन्य कविता और चैप्टर के पाठ्यक्रम है. 


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इसी तरह 10वीं और 11वीं के बच्चों को अब भारत के इतिहास और लोकतंत्र से जुड़े कई चैप्टर पढ़ने नहीं मिलेंगे और यह सभी बेहद ज़रूरी माने जाते हैं. देश की वर्तमान परिस्तिथियों में जहाँ लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकारों को गिराया जा रहा है, ऐसे में 10वीं कक्षा के इतिहास के विषय से लोकतंत्र से जुड़े चार महवपूर्ण चैप्टर हटा दिए गए हैं.

इनमें लोकतंत्र और उसकी विविधता, लिंग, धर्म और जाति, स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े लोकप्रिय आंदोलन और संघर्ष और लोकतंत्र की चुनौतियाँ जैसे चैप्टर को हटा दिया गया है. इतना ही नहीं, कक्षा 11वीं में पढ़ाए जाने जाने वाले संघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे चैप्टर्स भी अब बच्चों को पढ़ने को नहीं मिलेंगे

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