हेगिया सोफिया संग्रहालय मस्जिद में तब्दील, ग्रीस और ईसाई समुदाय में रोष

by Rahul Gautam 3 years ago Views 10430

Hagia Sophia Museum transformed into mosque, Greec
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यब एर्दोआन ने विश्व सांस्कृतिक धरोहर हेगिया सोफिया को मस्ज़िद घोषित कर दिया है। उन्होंने जल्द ही इसे लोगों के नमाज़ के लिए खोलने का ऐलान किया है। एर्दोआन के इस फैसले से पडोसी देश ग्रीस और ईसाई समुदाय में खासी नाराजगी है।

दरअसल, शुक्रवार को तुर्की की एक अदालत ने इस ऐतिहासिक इमारत को 1934 में म्यूज़ियम बनाने के फैसले को ग़ैरकानूनी घोषित कर दिया। अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि ज़मीन के सभी उपलब्ध दस्तावेजों में छठी शताब्दी में तामील हुई 'हेगिया सोफिया' एक मस्जिद की तरह ही रजिस्टर्ड है। इसके एक घंटे में ही राष्ट्रपति एर्दोआन ने अपना फैसला सुनाया जिसके कुछ ही देर में 'हेगिया सोफ़िया' के बाहर कुछ लोग जश्न मनाने लगे और जमकर धार्मिक नारेबाज़ी हुई।


दुनिया भर से एर्दोआन के फैसले पर अब कड़ी प्रतिक्रिया आ रही है। यूनेस्को ने बताया है कि वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी जल्द ही फैसला लेगी कि क्या 'हेगिया सोफिया' को विश्व सांस्कृतिक धरोहर की लिस्ट में रखा जाये या नहीं। पडोसी देश ग्रीस ने हेगिया सोफिया को मस्जिद में तब्दील करने के फैसले को सभ्य दुनिया के खिलाफ एक उकसावे वाला कदम बताया है। ग्रीस की संस्कृति मंत्री लीना मेंडोनी ने एक बयान में कहा, एर्दोगन द्वारा प्रदर्शित राष्ट्रवाद टर्की को छह शताब्दियों में वापस ले जाता है।

इसके अलावा रूसी रूढ़िवादी चर्च ने भी एर्दोआन के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। चर्च के प्रवक्ता व्लादिमीर लेगोइडा ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि लाखों ईसाइयों की बात सुनी नहीं गयी जिससे उन्हें ठेस पहुंची है।

537 ईसवी में चर्च के रूप में बना 'हेगिया सोफ़िया' ईसाइयों और मुसलमानों के बीच इतिहास में तनाव का मुद्दा रहा है। रोमन साम्राज्य द्वारा बनाये इस कैथेड्रल को पंद्रहवीं शताब्दी में ऑटोमन एम्पायर की स्थापना के बाद मस्ज़िद में तब्दील कर दिया गया था। पिछले 85 साल से 'हेगिया सोफ़िया' एक आलीशान म्यूज़ियम था जिसे देखने मुसलमान ईसाई ही नहीं हर धर्म के लोग इस्तानबुल आते थे। तुर्की के बापू माने जाने वाले मुस्तफ़ा कमाल अतातुर्क के लिए म्यूज़ियम बनाने का यह फैसला नए ज़माने के धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील तुर्की की पहचान थी। हालांकि, कई लोगो का कहना है की एर्दोआन का यह क़दम राष्ट्रवाद के नाम पर अपनी गिरती हुई लोकप्रियता को संभालने के लिए उठाया गया है।

Latest Videos

Latest Videos

Facebook Feed