अमेरिकी चुनाव: ट्रंप के 99 दिन

by M. Nuruddin 3 years ago Views 6710

US Election: 99 Days of Trump
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को अब महज़ 99 दिन बचे हैं। राष्ट्रपति ट्रंप और डमोक्रेट के कैंडिडेट जोई बाइडन आमने सामने हैं। कोरोना वायरस महामारी के बीच चीन से तल्खी का असर भी राष्ट्रपति चुनाव में देखने को मिल सकता है। अमेरिका का चुना दुनियाभर की राजनीति के लिए अहम है। ऐसे में अमेरिका की अर्थव्यवस्था, सैन्य शक्ति के साथ-साथ अन्य पहलुओं पर एक नज़र डालें तो राष्ट्रपति ट्रंप की चुनौतियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

अर्थव्यवस्था


अर्थव्यवस्था के लिहाज़ से अमेरिका दुनिया में पहले नंबर पर है। अमेरिका ने 1871 के बाद से दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने की अपनी स्थिति को बरकरार रखा है। साल 2018 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था 20.48 ट्रिलियन डॉलर थी जो साल 2020 में 22.32 ट्रिलियन डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। अमेरिका को आर्थिक सुपर पॉवर के रूप में माना जाता है और ऐसा इसलिए है क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक चौथाई हिस्सा सिर्फ अमेरिका के पास है। 

अमेरिका की सबसे बड़ी चुनौती चीन है। पर्चेज़िंग पॉवर के आधार पर दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर नज़र डालें तो इनमें चीन पहले नंबर पर है। साल 2019 में पर्चेज़िंग पॉवर के आधार पर अमेरीका की जीडीपी 21.44 डॉलर थी जबकि इस आधार पर चीन की अर्थव्यवस्था 27.31 ट्रिलियन डॉलर आंकी गई थी। माना जा रहा है कि साल 2023 तक अमेरिका की नोमिनल जीडीपी 24.88 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। वहीं चीन का नोमिनल जीडीपी 19.41 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है जो सुपर पॉवर अमेरिका के लिए ख़तरे का संकेत है।

सैन्य शक्ति

दुनिया में अमेरिका एकमात्र देश है जो अपने जीडीपी का 3.1 फीसदी हिस्सा सिर्फ अपनी सेना पर ख़र्च करता है। अमेरिका अपनी सेना पर 610 अरब डॉलर हर साल ख़र्च करता है। जबकि मैन पॉवर के लिहाज़ से अमेरिकी सेना तीसरे नंबर पर आती है। इनमें पहले पर चीन और दूसरे नंबर पर भारत है। अमेरिका के पास अपने सबसे बड़े प्रतियोगी चीन से भी कम टैंक हैं जबकि अमेरिका की वायु सेना बेहद मज़बूत है। अमेरिका के पास 12,304 फाइटर एयरक्राफ्ट हैं जबकि चीन के पास 4,182 हैं।

वहीं नवल फोर्स के लिहाज़ से अमेरिका चीन से कमज़ोर मालूम पड़ता है। जहां अमेरिका के पास 437 नौसेना बेड़ा हैं वहीं चीन के पास 780 है। हाल के दिनों में अमेरिकी और चीन के बीच दक्षिण चीन सागर में तनाव बढ़ गए हैं। ऐसे में अमेरिकी चुनाव में दोनों देशों के बीच जारी तनाव का असर काफी ज़्यादा देखने को मिल सकता है। डॉनल्ड ट्रंप का मानना है कि वो पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जो चीन के ख़िलाफ मुख़र हैं।

अंतरराष्ट्रीय संगठन और अमेरिका

कोरोना वायरस माहमारी के चलते अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग पर रोक लगा दी है। राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप डब्ल्यूएचओ पर चीनी की कठपुतली होने का आरोप लगाते हुए ये पाबंदी लगाई थी। डब्ल्यूएचओ को सबसे ज़्यादा फंडिंग अमेरिका की तरफ से मिलती था। साल 2019 में संगठन के कुल बजट का 15 फीसदी यानि 400 मिलियन डॉलर अकेले अमेरिका ने दिया था। 

अमेरिका पिछले 70 साल से डब्ल्यूएचओ का सबसे अहम सदस्य रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के मुताबिक़ अमेरिका पर डबल्यूएचओ का 200 मिलियन डॉलर बकाया है, जिसकी अदाएगी किए जाने के बाद अमेरिका 6 जुलाई 2021 तक संगठन से किनारा कर लेगा।

डॉनल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से अमेरिका ने कई यूएन एजेंसियों की या तो फंडिंग रोकी है या किनारा कर लिया है। इनमें टीपीपी यानि ट्रांस पैसिफिक पार्टनर्शिप को ग़लत डील बताते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका को इससे अलग कर दिया। यह 12 देशों के साथ एक व्यापारिक करार था।

साथ ही डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पेरिस क्लाइमेट एग्रिमेंट, यूनेस्को, ग्लोबल कंपेक्ट फॉर माइग्रेशन, यूएनएचआरसी, यूएनआरडब्ल्यूए, आर्म्स कंट्रोल ट्रीटीज़ विथ रूस, डब्ल्यूटीओ और नाटो जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों से या तो खुद को अलग कर लिया या तो फंडिंग रोक दी गई है।

अमेरिका में भारतीय

दक्षिण एशियाआई देशों से आए लोगों के लिए काम करने वाली एक संस्था 'सॉल्ट' की रिपोर्ट के मुताबिक़ अमेरिका में बसने वाले भारतीयों की तादाद तेज़ी से बढ़ी है। अमेरिका में 40 लाख 90 हज़ार से भी ज़्यादा भारतीय रहते हैं। अमेरिकन कम्युनिटी सर्वे 2017 के आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा भारतीय कैलिफ़ोर्निया में बसे हैं, जहां लगभग 7.3 लाख।

इनके अलावा 3.7 लाख न्यू यॉर्क में और न्यू जर्सी में, टेक्सास में 3.5 लाख, इलेनॉइस में 2.3 लाख और फ्लोरिडा में 1.5 लाख भारतीय बस्ते हैं। अमेरिका के 50 में से 18 राज्यों में भारतीय दूसरे देशों से आए प्रवासियों का सबसे समूह है। यहां सबसे ज़्यादा गुजरात राज्य के लोग बसे हैं।

अमरीकी सेंसस आंकड़ों के मुताबिक गुजरात राज्य से आये लोगों की आबादी अमरीकी-भारतीयों की कुल आबादी का 20 फीसदी है। माना जाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय वोट सबसे अहम है। यह भी कहा जाता है कि राष्ट्रपति का चुनाव अमेरिका में रह रहे भारतीयों के वोट पर ही निर्भर करता है। 

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