अयोध्या एयरपोर्ट के ख़िलाफ़ धरमपुर के किसानों ने मोर्चा खोला
अयोध्या में बनने जा रहे श्रीराम एयरपोर्ट के ख़िलाफ़ अब धरमपुर के किसानों ने सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया हैं। किसानों का कहना है सरकार या तो मुआवज़ा समान दे या जमीन ना ले।
तस्वीरों में नजर आ रहा ये गांव अयोध्या का धरमपुर हैं। जहां के किसानों के चेहरे पर फिक्र साफ नजर आ रही हैं। दरअसल रामनगरी अयोध्या में प्रस्तावित श्रीराम एयरपोर्ट के विस्तारीकरण में अधिग्रहण के दायरे में आ रही हैं। धरमपुर के किसानों ने अब राज्य की योगी सरकार के ख़िलाफ़ हल्ला बोल दिया हैं। किसानों का कहना है कि सरकार या तो समान मुआवज़ा दे या हमसे हमारी जमीन ना ले।
किसानों का ये भी कहना है कि एयरपोर्ट के लिए जनौरा के किसानों को जहां एक बीघा के 75 लाख रुपए मुआवज़ा दिया जा रहा है। वहीं धरमपुर के किसानों को सरकार द्वारा एक बीघा के लिए 8 लाख रुपए दिये जाने की बात कहीं गई है। जोकि गलत हैं। वहीं धरमपुर के कुछ किसानों का ये भी कहना है कि जब जमीन लेने के लिए सरकार ने पहले बात की थी तो कहा था कि जमीन का बाजार मूल्य का चार गुना देगें इसके साथ ही नौकरी देने का भी वादा सरकार की तरफ से किया गया था। शासन प्रशासन के इस रवैय्ये से यहां के किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। एयरपोर्ट के लिए सरकार जमीन तो ले रही हैं। लेकिन जनौरा, नंदापुर और गंजा के किसानों की तरह अधिक मुआवज़ा नहीं दे रही हैं। जबकि धरमपुर के किसानों की भी उतनी ही जमीन है। जितनी बाकी के गांव के किसानों की हैं। वीडियो देखिये एक तरफ जहां यूपी की योगी सरकार अयोध्या को राम नगरी के नाम से सांस्कृतिक और धर्मिक योजनाओं के साथ ही किसानों को फसलों में हो रहे नुकसान को देखते हुए। कई योजनाओं को जमीन से आसमान तक ले जाने की बात कर रही हैं। जिससे किसानों का भला हो सके। तो वहीं दूसरी तरफ अपना आशियाना खोने के डर से सहमे किसानों की सुध लेने के बजाय सरकार अपना ही राग अलाप रही हैं।जिससे किसानों की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती जा रही हैं।
किसानों का ये भी कहना है कि एयरपोर्ट के लिए जनौरा के किसानों को जहां एक बीघा के 75 लाख रुपए मुआवज़ा दिया जा रहा है। वहीं धरमपुर के किसानों को सरकार द्वारा एक बीघा के लिए 8 लाख रुपए दिये जाने की बात कहीं गई है। जोकि गलत हैं। वहीं धरमपुर के कुछ किसानों का ये भी कहना है कि जब जमीन लेने के लिए सरकार ने पहले बात की थी तो कहा था कि जमीन का बाजार मूल्य का चार गुना देगें इसके साथ ही नौकरी देने का भी वादा सरकार की तरफ से किया गया था। शासन प्रशासन के इस रवैय्ये से यहां के किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। एयरपोर्ट के लिए सरकार जमीन तो ले रही हैं। लेकिन जनौरा, नंदापुर और गंजा के किसानों की तरह अधिक मुआवज़ा नहीं दे रही हैं। जबकि धरमपुर के किसानों की भी उतनी ही जमीन है। जितनी बाकी के गांव के किसानों की हैं। वीडियो देखिये एक तरफ जहां यूपी की योगी सरकार अयोध्या को राम नगरी के नाम से सांस्कृतिक और धर्मिक योजनाओं के साथ ही किसानों को फसलों में हो रहे नुकसान को देखते हुए। कई योजनाओं को जमीन से आसमान तक ले जाने की बात कर रही हैं। जिससे किसानों का भला हो सके। तो वहीं दूसरी तरफ अपना आशियाना खोने के डर से सहमे किसानों की सुध लेने के बजाय सरकार अपना ही राग अलाप रही हैं।जिससे किसानों की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती जा रही हैं।
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