यूपी के 21 ज़िलों में इंटरनेट सेवा बंद, बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात
नागरिकता क़ानून को लेकर हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए यूपी सरकार की कार्रवाई तेज़ हो गई है। यूपी के 21 ज़िलों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। पुलिस ने कहा है की शुक्रवार को ध्यान में रखते हुए ये क़दम उठाए गए हैं. नागरिकता क़ानून विरोधी शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को बलपूर्वक कुचलने के चलते यूपी पुलिस की करवाई पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
नागरिकता क़ानून को लेकर हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए यूपी सरकार की कारवाई तेज़ हो गई है। यूपी सरकार ने शुक्रवार को जुमे की नमाज से पहले यूपी की सुरक्षा कड़ी करते हुए भारी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया है। इसके अलावा यूपी के कम से कम 21 जिलों में इंटरनेट बंद कर दी गई है। इन जिलों में आगरा, मथुरा, सहारनपुर, ग़ाज़ियाबाद, फ़िरोज़ाबाद, बिजनौर, सीतापुर, बुलंदशहर, मेरठ, अलीगढ़, मुज़्ज़फरनगर, संभल, कानपुर शामिल है।
इंटरनेट के बंद होने के कारण भारी संख्या में व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसी भी ऑनलाइन सेवा का उपयोग इंटरनेट बंद होने के कारण नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ऑनलाइन कैब सर्विस, फ़ूड ऐप्स, दवाईयों कि ऐप्स, एम्बुलेंस ऐप्स इत्यादि ठप्प हैं। यहाँ तक कि उत्तर प्रदेश पुलिस का ट्विटर हैंडल भी अपडेटेड नहीं है। इसके चलते सवाल ये है कि क्या उत्तर प्रदेश पुलिस किसी भी तरह का संचार कर पाएगी? या किसी भी तरह कि सूचना लोगों तक पहुंच पाएगी? पुलिस प्रमुख टीवी के ज़रिये संचार कर रहे हैं। इससे पहले पिछले शुक्रवार को यूपी के कई शहरों में नागरिकता क़ानून को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुआ था। इसमें अब तक 19 जानें गई हैं। यूपी में नागरिकता कानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ पुलिस ने बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियों का दौर तेज़ कर दिया है। पुलिस के मुताबिक़ अब तक कुल 1,113 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया जा चुका है। साथ ही प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ 327 FIR दर्ज की गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी यूपी पुलिस कड़ी नज़र रख रही है। वीडियो देखिये यूपी पुलिस ने अब तक 124 लोगों को गिरफ़्तार किया है और 93 लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की हैं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं लेकिन उनके व्यवहार की उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह भी आलोचना कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में पुलिसिया कार्रवाई की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है।
इंटरनेट के बंद होने के कारण भारी संख्या में व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसी भी ऑनलाइन सेवा का उपयोग इंटरनेट बंद होने के कारण नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। ऑनलाइन कैब सर्विस, फ़ूड ऐप्स, दवाईयों कि ऐप्स, एम्बुलेंस ऐप्स इत्यादि ठप्प हैं। यहाँ तक कि उत्तर प्रदेश पुलिस का ट्विटर हैंडल भी अपडेटेड नहीं है। इसके चलते सवाल ये है कि क्या उत्तर प्रदेश पुलिस किसी भी तरह का संचार कर पाएगी? या किसी भी तरह कि सूचना लोगों तक पहुंच पाएगी? पुलिस प्रमुख टीवी के ज़रिये संचार कर रहे हैं। इससे पहले पिछले शुक्रवार को यूपी के कई शहरों में नागरिकता क़ानून को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुआ था। इसमें अब तक 19 जानें गई हैं। यूपी में नागरिकता कानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ पुलिस ने बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियों का दौर तेज़ कर दिया है। पुलिस के मुताबिक़ अब तक कुल 1,113 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया जा चुका है। साथ ही प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ 327 FIR दर्ज की गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी यूपी पुलिस कड़ी नज़र रख रही है। वीडियो देखिये यूपी पुलिस ने अब तक 124 लोगों को गिरफ़्तार किया है और 93 लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की हैं। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं लेकिन उनके व्यवहार की उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह भी आलोचना कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में पुलिसिया कार्रवाई की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है।
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