एक हफ़्ते में पढ़े-लिखे बेरोज़गारों की संख्या में 25 हज़ार से ज़्यादा की बढ़ोत्तरी
एक हफ्ते में पढ़े लिखे-बेरोजगारों की संख्या में 26,362 की बढ़ोतरी, 100 बेरोज़गारों के लिये नौकरी की उपलब्धता तीन हुई
अर्थव्यवस्था की रफ़्तार में सुस्ती का पहला शिकार लोगों का रोज़गार होता है। इस सुस्ती का ही नतीजा है कि नौकरियों की उपलब्धता के मुक़ाबले बेरोज़गारों की कतार कहीं ज़्यादा लम्बी है। देश में रोज़गार के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, लोगों की नौकरियां जा रही हैं।
जिस तेज़ी से बेरोज़गारों की संख्या बढ़ रही है, उस तेज़ी से नौकरियां नहीं बढ़ रही है। श्रम मंत्रालय के नेशनल कैरियर सर्विस पोर्टल यानि एनसीएसपी के मुताबिक हर रोज़ पढ़े लिखे बेरोजगारों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
गो न्यूज़ की ही एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते 27 अगस्त को पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या 10,425,485 थी जो इस हफ्ते 2 सितंबर को बढ़कर 10,451,847 हो गई है। मतलब एक हफ्ते में पढ़े लिखे बेरोजगारों की संख्या में 26,362 की बढ़ोतरी हुई। इसी प्रकार यदि इस पोर्टल पर नौकरियों की बात करें तो पिछले हफ्ते 27 अगस्त को 423,847 थी जो इस हफ्ते 2 सितंबर को 24,439 की कमी के साथ 399,408 रह गई है। इसका मतलब एक हफ्ते में जितनी बेरोजगारी बढ़ी उतनी ही नौकरियों में भी कमी आई। हर 100 बेरोज़गारों के लिए नौकरियों की उपलब्धता जो अब तक चार पर बनी हुई थी, वो गिरकर लगभग तीन हो गई है। जिन कम्पनियों ने इस पोर्टल पर नौकरियों के लिये वैकेंसी निकाली हैं, उनकी संख्या 7,436 है। सरकार रोज़गार को लेकर कितने ही दावे क्यों ना करे मगर उनके ख़ुद के ही आंकड़े जो तस्वीर पेश करते हैं वो काफ़ी चिंताजनक है।
गो न्यूज़ की ही एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते 27 अगस्त को पढ़े-लिखे बेरोजगारों की संख्या 10,425,485 थी जो इस हफ्ते 2 सितंबर को बढ़कर 10,451,847 हो गई है। मतलब एक हफ्ते में पढ़े लिखे बेरोजगारों की संख्या में 26,362 की बढ़ोतरी हुई। इसी प्रकार यदि इस पोर्टल पर नौकरियों की बात करें तो पिछले हफ्ते 27 अगस्त को 423,847 थी जो इस हफ्ते 2 सितंबर को 24,439 की कमी के साथ 399,408 रह गई है। इसका मतलब एक हफ्ते में जितनी बेरोजगारी बढ़ी उतनी ही नौकरियों में भी कमी आई। हर 100 बेरोज़गारों के लिए नौकरियों की उपलब्धता जो अब तक चार पर बनी हुई थी, वो गिरकर लगभग तीन हो गई है। जिन कम्पनियों ने इस पोर्टल पर नौकरियों के लिये वैकेंसी निकाली हैं, उनकी संख्या 7,436 है। सरकार रोज़गार को लेकर कितने ही दावे क्यों ना करे मगर उनके ख़ुद के ही आंकड़े जो तस्वीर पेश करते हैं वो काफ़ी चिंताजनक है।
अधिक जानकारी के लिये वीडियो देखें
Latest Videos