असम: चाय बाग़ान में 73 साल के बुज़र्गु डॉक्टर की पीट-पीटकर हत्या, 21 गिरफ़्तार
असम के जोरहाट ज़िले में चाय बाग़ान के मज़दूरों ने 73 साल के एक बुज़ुर्ग डॉक्टर देबेन दत्ता की पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस वारदात के बाद चाय बाग़ान टियोक टी एस्टेट में काम ठप है। जोरहाट पुलिस ने 21 मज़दूरों को गिरफ़्तार किया है और चाय बाग़ान के मैनेजर मनुज गोगोई ने जांच पूरी होने तक मज़दूरों की तनख़्वाह रोक दी है। वहीं डॉक्टर देबेन दत्ता की मौत से नाराज़ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि राज्य में 3 सितंबर को मेडिकल सेवाएं पूरी तरह ठप रहेंगी। सिर्फ इमरजेंसी मामले देखे जाएंगे।
73 साल के डॉक्टर देबेन दत्ता रिटायरमेंट के बाद चाय बाग़ान के अस्पताल में बतौर डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे थे। शनिवार को यहां एक मज़दूर समरा माझी को पेट दर्द की शिक़ायत हुई तो उन्हें बाग़ान के अस्पताल में भर्ती करवाया गया लेकिन डॉक्टर दत्ता पहुंचने से पहले ही समरा माझी की मौत हो गई।
इससे चाय बाग़ान के मज़दूर भड़क गए और डॉक्टर दत्ता समेत वेलफेयर अधिकारी जिबॉन कुर्मी पर हमला बोल दिया। हमले के वक़्त तक़रीबन 250 मज़दूर जमा थे और पुलिसकर्मी बड़ी मुश्किल से उन्हें भीड़ से छुड़ा पाए। हालांकि अस्पताल में डॉक्टर दत्ता की मौत हो गई और वेलफेयर अधिकारी जिबॉन को मामूली चोटें आई हैं। डॉक्टर देबेन दत्ता जोरहाट के वरिष्ठ डॉक्टरों में गिने जाते थे और रिटायरमेंट के बाद भी कम्युनिटी की सेवा में लगे थे लेकिन भीड़ ने उन्हें अपना शिकार बना लिया।
इससे चाय बाग़ान के मज़दूर भड़क गए और डॉक्टर दत्ता समेत वेलफेयर अधिकारी जिबॉन कुर्मी पर हमला बोल दिया। हमले के वक़्त तक़रीबन 250 मज़दूर जमा थे और पुलिसकर्मी बड़ी मुश्किल से उन्हें भीड़ से छुड़ा पाए। हालांकि अस्पताल में डॉक्टर दत्ता की मौत हो गई और वेलफेयर अधिकारी जिबॉन को मामूली चोटें आई हैं। डॉक्टर देबेन दत्ता जोरहाट के वरिष्ठ डॉक्टरों में गिने जाते थे और रिटायरमेंट के बाद भी कम्युनिटी की सेवा में लगे थे लेकिन भीड़ ने उन्हें अपना शिकार बना लिया।
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