नए साल पर पीएम मोदी ने फिर किया गालीगलौच करने वालों को फॉलो
पीएम मोदी इंटरनेट पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले और महिलाओं को निशाना बनाने वालों को फॉलो करते हैं. ऐसे लोगों को फॉलो करने का मुद्दा संसद में भी उठ चुका है लेकिन इसके बावजूद यह सिलसिला जारी है. नए साल पर भी पीएम मोदी ने नफरत फैलाने वालों को फॉलो किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्वीटर पर ऐसे लोगों को फॉलो करते हैं जो खुलेआम नफ़रत फ़ैलाने के साथ-साथ औरतों पर अश्लील और भद्दे कमेंट करते हैं. पीएम मोदी ने नए साल के मौक़े पर भी ऐसे कई लोगों को ट्वीटर पर फॉलो किया.
ऐसा ही एक ट्वीटर हैंडल कुलदीप सिंह है जिसने अपनी कवर फोटो में पीएम मोदी की तस्वीर लगा रखी है और ख़ुद को राष्ट्रवादी बताता है. नागरिकता क़ाननू का विरोध करने पर कुलदीप ने एक्टर स्वरा भास्कर पर अश्लील टिप्पणी की जिसके बाद पीएम मोदी ने कुलदीप के हैंडल को फॉलो किया. इस यूज़र का हैंडल गालीगलौच से भरा हुआ है और विरोधी दलों को खुलेआम गाली दे रहा है. एक अन्य यूज़र अंकित दुबे ख़ुद को बीजेपी-आरएसएस का सदस्य और मोदी भक्त बताता है. नागरिकता क़ानून का विरोध करने पर इस यूज़र ने अल्पसंख़्यक मुसलमानों के ख़िलाफ़ अभद्र टिप्पणी की. नए साल पर पीएम मोदी ने अंकित दुबे को भी फॉलो किया. एक अन्य यूज़र श्रेयांश ने ख़ुद को ट्वीटर पर राष्ट्रभक्त घोषित कर रखा है. श्रेयांश ने ट्वीटर पर कई जगह गालीगलौच किया है और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बेहद फूहड़ कमेंट्स किये हैं। इसके बावजूद पीएम मोदी ने नए साल पर इस यूज़र को भी फॉलो किया. इनके अलावा तमाम यूज़र हैं जो ख़ुद को राष्ट्रवादी और मोदीभक्त बताते हुए ट्वीटर पर गलीगलौच कर रहे हैं और पीएम उनको फॉलो कर रहे हैं. बंगलुरू में साल 2017 में मारी गईं वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद उन्हें कई यूज़र्स ने गाली दी थी. इनके एक यूज़र निखिल दधीच था जिसे पीएम मोदी फॉलो कर रहे थे. अल्पसंख्यक मुसलमानों और महिलाओं के साथ गालीगलौच करने वाले ट्रोल्स को पीएम मोदी का फॉलो करने का मुद्दा संसद में भी उठ चुका है. 6 फरवरी 2017 को टीएमसी एमपी डेरेक ओ ब्रायन ने यह मुद्दा राज्यसभा में उठाया था. वीडियो देखिये इसके बावजूद पीएम मोदी ऐसे यूज़र्स को ट्वीटर पर फॉलो कर रहे हैं. सवाल यह है कि ऐसे लोगों को फॉलो करने में पीएम मोदी की क्या मजबूरी है. यह भी पूछा जा रहा है कि क्या प्रधानमंत्री की सोशल मीडिया टीम यूज़र्स को फ़ॉलो करने से पहले उनकी ढंग से जांच पड़ताल नहीं कर रही है? या फिर किसी नीति के तहत ऐसे यूज़र्स को इंटरनेट पर बढ़ावा दिया जा रहा है.
ऐसा ही एक ट्वीटर हैंडल कुलदीप सिंह है जिसने अपनी कवर फोटो में पीएम मोदी की तस्वीर लगा रखी है और ख़ुद को राष्ट्रवादी बताता है. नागरिकता क़ाननू का विरोध करने पर कुलदीप ने एक्टर स्वरा भास्कर पर अश्लील टिप्पणी की जिसके बाद पीएम मोदी ने कुलदीप के हैंडल को फॉलो किया. इस यूज़र का हैंडल गालीगलौच से भरा हुआ है और विरोधी दलों को खुलेआम गाली दे रहा है. एक अन्य यूज़र अंकित दुबे ख़ुद को बीजेपी-आरएसएस का सदस्य और मोदी भक्त बताता है. नागरिकता क़ानून का विरोध करने पर इस यूज़र ने अल्पसंख़्यक मुसलमानों के ख़िलाफ़ अभद्र टिप्पणी की. नए साल पर पीएम मोदी ने अंकित दुबे को भी फॉलो किया. एक अन्य यूज़र श्रेयांश ने ख़ुद को ट्वीटर पर राष्ट्रभक्त घोषित कर रखा है. श्रेयांश ने ट्वीटर पर कई जगह गालीगलौच किया है और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बेहद फूहड़ कमेंट्स किये हैं। इसके बावजूद पीएम मोदी ने नए साल पर इस यूज़र को भी फॉलो किया. इनके अलावा तमाम यूज़र हैं जो ख़ुद को राष्ट्रवादी और मोदीभक्त बताते हुए ट्वीटर पर गलीगलौच कर रहे हैं और पीएम उनको फॉलो कर रहे हैं. बंगलुरू में साल 2017 में मारी गईं वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद उन्हें कई यूज़र्स ने गाली दी थी. इनके एक यूज़र निखिल दधीच था जिसे पीएम मोदी फॉलो कर रहे थे. अल्पसंख्यक मुसलमानों और महिलाओं के साथ गालीगलौच करने वाले ट्रोल्स को पीएम मोदी का फॉलो करने का मुद्दा संसद में भी उठ चुका है. 6 फरवरी 2017 को टीएमसी एमपी डेरेक ओ ब्रायन ने यह मुद्दा राज्यसभा में उठाया था. वीडियो देखिये इसके बावजूद पीएम मोदी ऐसे यूज़र्स को ट्वीटर पर फॉलो कर रहे हैं. सवाल यह है कि ऐसे लोगों को फॉलो करने में पीएम मोदी की क्या मजबूरी है. यह भी पूछा जा रहा है कि क्या प्रधानमंत्री की सोशल मीडिया टीम यूज़र्स को फ़ॉलो करने से पहले उनकी ढंग से जांच पड़ताल नहीं कर रही है? या फिर किसी नीति के तहत ऐसे यूज़र्स को इंटरनेट पर बढ़ावा दिया जा रहा है.
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