CAA Protest: 'इंटरनेट शटडाउन' विरोध-प्रदर्शन को क़ाबू करने का सरकारी उपाय

by M. Nuruddin 4 years ago Views 1753

Shut down the internet! Government measures to con
नागरिकता कानून में संशोधन के ख़िलाफ़ शुरू हुआ प्रदर्शन हिंसक रूप अख़्तियार कर चुका है। नागरिकता कानून  के ख़िलाफ़ पूरे देशभर में कॉलेज के छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। इसके जवाब में सरकार जगह जगह इंटरनेट बंद कर रही है। नागरिकता कानून के विरोध में उतरे भारत के कई राज्यों में इंटरनेट सेवा बंद है। साल 2019 में अबतक 93 जगहों पर इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं। वहीं साल 2012 से 2019 तक आठ सालों में कुल 365 बार इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाई जा चुकी है।

असम त्रिपुरा और मणिपुर में प्रदर्शन के बाद इंटरनेट सेवा बंद की गई थी 11 दिसंबर शाम 7 बजे से 24 घंटे के लिये इंटरनेट बंद करने का ऐलान किया गया था लेकिन फिलहाल इंटरनेट सेवा बहाली पर कोई सरकारी विचार सामने नहीं आई है।


और अब पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रेलवे स्टेश को आग के हवाले करने के साथ ही ट्रेन पर भी पथराव की घटनाएं सामने आई हैं जिसमें कई लोगों के घायल हुए हैं। पश्चिम बंगाल के छह ज़िलों में फिलहाल इंटरनेट सेवा बंद है।

दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जवाहरलाल नेहरू युनिवर्सिटी, और दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोटेस्ट के बाद इंटरनेट सेवा तो बंद नहीं हुई है लेकिन इलाक़े में कड़ी चौकसी है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र कॉलेज के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। जामिया में पीएचडी के छात्र रौशन सिंह का कहना है कि दिल्ली पुलिस बिना इजाज़त के कैंपस में घुसकर छात्र-छात्राओं पर लाठी बरसाए हैं।

प्रत्यक्षदर्शी रौशन सिंह कहते हैं कि करीब 1500 छात्र-छात्राएं पीएचडी सेक्शन में शरण लिये हुए था। 30-40 पुलिसवालों  ने पीएचडी सेक्शन में घुसकर टियर गैस और लाठियां बरसाईं। देर रात दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पर पहुंचकर सैकड़ों छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया और पुलिस कमिश्नर बाहर आओ के नारे लगाए। जमिया प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पुलिस ने बिना इजाज़त के कैंपस में घुस आई और छात्रों को मारा।

अलिगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में भी विरोध के बाद वहाँ इंटर नेट बंद कर दिया गया।यहाँ भी पुलिस ने कैंपस में घुसकर छात्र-छात्राओं पर लाठियां बरसाई हैं। जानकारी के मुताबिक़ पुलिस ने हवाई फायरिंग भी किया है। 5 जनवरी तक युनिवर्सिटी में छुट्टी दे दी गई है। उधर जेएमआई और एएमयू के समर्थन में मौलाना आज़ाद उर्दू युनिवर्सिटी और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन फ़िलहाल इंटरनेट चालू है।

इंटरनेट शटडाउन नाम की वेबसाइट ने भारत में इंटरनेट बंद करने के आँकड़े निकाले हैं। जिसके मुताबिक़ साल 2019 में अबतक 93 जगहों पर इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं। वहीं साल 2012 से 2019 तक आठ सालों में कुल 365 बार इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगाई जा चुकी है।

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