केंद्रीय बजट की पारदर्शिता में भारत अपर्याप्त श्रेणी में - सर्वे

by Abhishek Kaushik 4 years ago Views 116055

Survey: India in Inadequate Category in Transparen
हाल ही में जारी ओपन बजट सर्वे के अनुसार,बजट पारदर्शिता और जवाबदेही के मामले में भारत को 117 देशों में से 53 वें स्थान पर रखा गया है। इंटरनेशनल बजट पार्टनरशिप (IBP) द्वारा किए गए एक सर्वे ने भारत की केंद्रीय बजट प्रक्रिया को 100 में से 49 का पारदर्शी स्कोर प्रदान किया है, जो कि वैश्विक औसत 45 से अधिक है। इसमें न्यूज़ीलैंड का नाम सबसे ऊपर 87 के स्कोर के साथ है।

भारत ऑडिट रिपोर्ट और साल-दर-साल की रिपोर्टों में समय पर और जानकारी प्रकाशित करने में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। लेकिन इस सर्वे में पाया गया है कि भारत प्रकाशित बजट की पारदर्शिता, जन भागीदारी और ऐसी कई चीज़ों में काफी पीछे है।


बजट देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार के बजट में एहम फैसले जैसे क्या कर यानी टैक्स लगाने है, क्या सेवाएं प्रदान की जाए, और कितना कर्ज लेना है इत्यादि जैसी चीज़े है। यह सब चीज़े समाज में समानता को प्रभावित करती है और यह महत्वपूर्ण है कि सरकारें इन निर्णयों पर जनता और विपक्ष को सूचित करे और उनकी भागीदारी रखें।

लेकिन सरकार इस सर्वे के मुताबिक इन चीज़ो में काफी पीछे है। इस सर्वे के हिसाब से सरकार बजट में जनता और विपक्ष की भागीदारी में सौ में से सिर्फ 11 अंक जुटा पाई है, जो काफी कम है। वहीं पारदर्शिता में 49 और बजट के आंकलन में 59 अंक मिले है।

वहीं अगर बात पिछली सरकार में हुए सर्वे की करें तो 2012 के सर्वे में भारत का पारदर्शिता में अंक 68 थे, जोकि पर्याप्त होता है। लेकिन 60 से नीचे वाले अंक अपर्याप्त श्रेणी में आते है, जो 2015 के सर्वे से लगातार अपर्याप्त श्रेणी में चल रहे है।

भारत बजट में जनता और विपक्ष की भागीदारी में काफी पीछे है। अगर पड़ोसी देशों को देखा जाए तो इसमें नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान भारत से बेहतर है जबकि पाकिस्तान भारत से भी नीचे है। 

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