दिल्ली में इलाज दिल्लीवालों का, पड़ोसी राज्यों में हाल कैसा है ?

by GoNews Desk 3 years ago Views 4381

Treatment in Delhi for Delhiites, how is it in nei
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने फैसला किया है कि दिल्ली के अस्पतालों में बेड्स दिल्लीवालों के लिए रिज़र्व रहेंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाहर के लोग केन्द्र सरकार के अधीन आने वाले अस्पतालों में इलाज करवा सकते हैं जहां 10 हज़ार बेड्स की क्षमता है. लेकिन कोरोना महामारी में बढ़ते दबाव के चलते दिल्ली के अस्पतालों में दिल्लीवालों का इलाज होगा.

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 14 से 15 दिन बाद दिल्ली में कोरोना मरीज़ों की संख्या 56 हज़ार हो जाएगी. लिहाज़ा, दिल्ली के अस्पतालों मे बेड्स की संख्या बढ़ाकर 15 हज़ार से 17 हज़ार की जाएगी.


राजधानी दिल्ली की आबादी 1.9 करोड़ है. इनमें 21 लाख से ज़्यादा लोग दूसरे राज्यों से आकर बसे हैं और किराये के मकान में रहते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक़ दिल्ली की 40 फीसदी आबादी दूसरे राज्यों के प्रवासी हैं.

सेंटर फॉर डिज़ीज़ डाइनेमिक, इकोनॉमिक एंड पॉलिसी यानी सीडीडीईपी के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में 39,455 बेड्स हैं। इनमें 109 सरकारी अस्पतालों में 24,383 बेड्स हैं और 67 प्राइवेट अस्पतालों में बेड्स की संख्या 15,072 है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ प्रति एक हज़ार की आबादी पर पांच बेड होने चाहिए लेकिन दिल्ली में इतनी आबादी पर सिर्फ ढाई बेड हैं.

राजधानी दिल्ली में सबसे ज़्यादा उत्तर-प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के लोग मज़दूरी, नौकरी और इलाज़ के लिए आते हैं. देश की अच्छी ख़ासी आबादी इन्हीं राज्यों की है लेकिन स्वास्थ्य का ढांचा बेहद कमज़ोर है.

आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सभी 17 हज़ार 103 प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में 2 लाख 81 हज़ार 402 बेड्स हैं। इसी तरह बिहार के सभी 3,034 अस्पतालों में 30 हज़ार 857, झारखंड के 1,364 अस्पतालों में 26 हज़ार 496 और मध्य प्रदेश के 971 अस्पतालों में 64 हज़ार 939 बेड्स मौजूद हैं.

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