CAA: जिन राज्यों में उथल-पुथल, वहां गाड़ियों की बिक्री 40 फीसदी तक गिरी
देश के आंतरिक हालात का असर अब गाड़ियों की बिक्री पर दिखाई दे रहा है। नागरिकता कानून के विरोध में आंदोलन और जम्मू-कश्मीर में धारा 370 ख़त्म करने का असर ऑटो सेक्टर पर दिख रहा है। पश्चिम बंगाल, असम और जम्मू-कश्मीर में बिक्री में भारी गिरावट आई है।
आर्थिक मंदी की सबसे तगड़ी मार ऑटोमोबाइल सेक्टर पर पड़ी है जहां गाड़ियों की बिक्री में लगातार गिरावट जारी है. फेडरेशन ऑफ़ ऑटोमोबाइल डीलर असोसिएशन के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2018 में 18 लाख 80 हज़ार 995 गाड़ियां बिकी थीं लेकिन दिसंबर 2019 में ये घटकर 16 लाख 6 हज़ार 2 रह गईं. यानी बिक्री में कुल 15 फीसदी की गिरावट हुई है जोकि चालू वित्त वर्ष की सबसे बड़ी गिरावट है. जम्मू-कश्मीर के अलावा कई राज्यों में विवादित नागरिकता क़ानून की वजह से उथल पुथल मची है और ऐसे राज्यों में गाड़ियों की बिक्री में गिरावट 15 फ़ीसदी से ज़्यादा है.
गाड़ियों की बिक्री में सबसे ज़्यादा 39 फ़ीसदी की गिरावट पश्चिम बंगाल में हुई है जहां दिसंबर से नागरिकता क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ लाखों लोग सड़कों पर हैं. पहाड़ी राज्य उत्तरखंड में 38 फीसदी की गिरावट हुई है जहां नोटबंदी लागू होने के बाद तमाम छोटे और मझोले कारख़ानों पर ताला लग गया था. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सेल्स में 33 फीसदी की कमी आई है जहां आर्टिकल 370 हटाए जाने के पांच महीने बाद भी हालात सामान्य नहीं हैं. असम में दिसंबर में गाड़ियों की बिक्री में 31 फीसदी की गिरावट हुई है जहां नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ सबसे ज़्यादा आक्रामक प्रदर्शन देखने को मिला है. राज्य में अभी भी सैकड़ों धरना प्रदर्शन जारी हैं. इसी तरह हरियाणा में 25 फीसदी, गुजरात में 23 फीसदी, नागालैंड में 21 फीसदी, झारखण्ड और कर्नाटक में 20 फीसदी की कमी गाड़ियों की बिक्री में आई है. वीडियो देखिये आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2018 में 15 लाख 545 टू व्हीलर्स बिके थे लेकिन बीते दिसंबर में टू व्हीलर्स की बिक्री घटकर 12 लाख 64 हज़ार 169 रह गई. इसी अवधि में 4 पहिया गाड़ियों की बिक्री 2 लाख 36 हज़ार 586 से घटकर 2,15,716, कमर्शल व्हीकल्स की बिक्री 85,833 से घटकर 67,793 रह गयी है. सिर्फ तिपहिया गाड़ियों की बिक्री में 1 फीसदी की बढ़ोतरी है. दिसंबर 2019 में 58,324 तिपहिया गाड़ियां बिकीं जबकि दिसंबर 2018 में यह आंकड़ा 58031 था.
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गाड़ियों की बिक्री में सबसे ज़्यादा 39 फ़ीसदी की गिरावट पश्चिम बंगाल में हुई है जहां दिसंबर से नागरिकता क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ लाखों लोग सड़कों पर हैं. पहाड़ी राज्य उत्तरखंड में 38 फीसदी की गिरावट हुई है जहां नोटबंदी लागू होने के बाद तमाम छोटे और मझोले कारख़ानों पर ताला लग गया था. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में सेल्स में 33 फीसदी की कमी आई है जहां आर्टिकल 370 हटाए जाने के पांच महीने बाद भी हालात सामान्य नहीं हैं. असम में दिसंबर में गाड़ियों की बिक्री में 31 फीसदी की गिरावट हुई है जहां नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ सबसे ज़्यादा आक्रामक प्रदर्शन देखने को मिला है. राज्य में अभी भी सैकड़ों धरना प्रदर्शन जारी हैं. इसी तरह हरियाणा में 25 फीसदी, गुजरात में 23 फीसदी, नागालैंड में 21 फीसदी, झारखण्ड और कर्नाटक में 20 फीसदी की कमी गाड़ियों की बिक्री में आई है. वीडियो देखिये आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2018 में 15 लाख 545 टू व्हीलर्स बिके थे लेकिन बीते दिसंबर में टू व्हीलर्स की बिक्री घटकर 12 लाख 64 हज़ार 169 रह गई. इसी अवधि में 4 पहिया गाड़ियों की बिक्री 2 लाख 36 हज़ार 586 से घटकर 2,15,716, कमर्शल व्हीकल्स की बिक्री 85,833 से घटकर 67,793 रह गयी है. सिर्फ तिपहिया गाड़ियों की बिक्री में 1 फीसदी की बढ़ोतरी है. दिसंबर 2019 में 58,324 तिपहिया गाड़ियां बिकीं जबकि दिसंबर 2018 में यह आंकड़ा 58031 था.
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