साइरस मिस्त्री एक बार फिर बने टाटा ग्रुप के चेयरमैन
साइरस मिस्त्री एक बार फिर टाटा ग्रुप के चेयरमैन बनाए गए हैं। साल 2016 में मतभेद के बाद चेयरमैन पद से हटा दिये गए थे। नेश्नल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल ने आदेश जारी करते हुए कहा कि साइरस मिस्त्री की टाटा ग्रुप के चेयरमैन के पद पर फिर से नियुक्ति की जाए। साथ ही ग्रुप के वर्तमान चेयरमैन एन चन्द्रशेखरन की नियुक्ति को गलत ठहराया गया है।
टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस है जिसने इंफोसिस को पीछे छोड़कर सॉफ्टवेयर बनाने की सबसे बड़ी कंपनी बनाने का दर्जा हासिल किया हुआ है। टाटा ग्रुप की नेटवर्थ 110 बिलियन डॉलर से भी ज़्यादा आंका गया है। टाटा ग्रुप की 35 से भी ज़्यादा कंपनियां हैं जो नमक से लेकर बिजली घर तक बनाती हैं।
ट्राइब्यूनल का फैसला आते ही टाटा कंपनियों के शेयर में गिरावट आना शुरू हो गई है। टाटा मोटर्स और टाटा पॉवर जैसी कंपनियां पहले ही ख़राब हालात में चल रही हैं क्योंकि बाज़ार में मंदी छाई हुई है। टाटा ग्रुप की कंपनियों की बागडोर टाटा ट्रस्ट के हाथों में है जिसपर टाटा परिवार का सालों से दबदबा रहा है।Breaking: Tata Group shares plunge as NCLAT restores Cyrus Mistry as Chairman again. N Chanrashekharan’s appointment held illegal. #Mistry #Tata more at @GoNews_India pic.twitter.com/wLwJCiNoyJ
— Pankaj Pachauri (@PankajPachauri) December 18, 2019
टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस है जिसने इंफोसिस को पीछे छोड़कर सॉफ्टवेयर बनाने की सबसे बड़ी कंपनी बनाने का दर्जा हासिल किया हुआ है। टाटा ग्रुप की नेटवर्थ 110 बिलियन डॉलर से भी ज़्यादा आंका गया है। टाटा ग्रुप की 35 से भी ज़्यादा कंपनियां हैं जो नमक से लेकर बिजली घर तक बनाती हैं।
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