क्या महाराष्ट्र के बाद बीजेपी को कर्नाटक में झटका लगने वाला है?
कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस-जेडीएस के 17 बाग़ी विधायकों को अयोग्य ठहराने के पूर्व स्पीकर रमेश कुमार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। रमेश कुमार ने इन विधायकों पर 2023 तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी भी लगा दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को रद्द कर दिया और इन्हें उपचुनाव में हिस्सा लेने की इजाज़त दे दी. इन विधायकों की अयोग्यता के ख़ाली हुई सीटों पर वोटिंग 5 दिसंबर को होगी जिसके नतीजे कर्नाटक की बीजेपी सरकार का भविष्य तय करेंगे. अगर उपचुनाव में बीजेपी सात सीटों से कम जीती तो सीएम येदियुरप्पा की सरकार गिर सकती है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सीएम येदियुरप्पा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं.
कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने कहा कि बागी विधायकों को नैतिकता के आधार पर चुनाव नहीं लड़ना चाहिए और अगर वे चुनावी मैदान में उतरे तो जनता उन्हें खुद सज़ा देगी।
17 विधायकों के अयोग्य घोषित होने के बाद कर्नाटक विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 207 है यानी बहुमत का आंकड़ा 104 है। बीजेपी अपने 105 और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से सरकार चला रही है. उपचुनाव के बाद बहुमत का आंकड़ा 113 हो जाएगा तो बीजेपी को कम से कम सात विधायकों की और दरकार होगी. वहीं कांग्रेस-जेडीएस वाले गठबंधन के पास 101 सीटें हैं। इनमें 66 कांग्रेस, 34 जेडीएस और एक बसपा विधायक हैं। उपचुनाव में अगर बीजेपी की बजाय कांग्रेस जेडीएस गठबंधन को ज़्यादा सीटें मिलती हैं तो सीएम येदियुरप्पा के लिए सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा।
17 विधायकों के अयोग्य घोषित होने के बाद कर्नाटक विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 207 है यानी बहुमत का आंकड़ा 104 है। बीजेपी अपने 105 और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन से सरकार चला रही है. उपचुनाव के बाद बहुमत का आंकड़ा 113 हो जाएगा तो बीजेपी को कम से कम सात विधायकों की और दरकार होगी. वहीं कांग्रेस-जेडीएस वाले गठबंधन के पास 101 सीटें हैं। इनमें 66 कांग्रेस, 34 जेडीएस और एक बसपा विधायक हैं। उपचुनाव में अगर बीजेपी की बजाय कांग्रेस जेडीएस गठबंधन को ज़्यादा सीटें मिलती हैं तो सीएम येदियुरप्पा के लिए सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा।
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