सज़ा पूरी होने से पहले ही जेसिका हत्याकांड का दोषी मनु शर्मा जेल से रिहा
दिल्ली के बहुचर्चित जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा सज़ा पूरी होने से पहले ही जेल से रिहा कर दिए गए. दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की सिफारिश पर मुहर लगाते हुए उनकी रिहाई का आदेश दिया. मनु शर्मा ने जेल में 14 साल काटे और उन्हें अच्छे व्यवहार के आधार पर रिहा किया गया.
जेसिका लाल महरौली के एक पब में काम करती थीं लेकिन 29 अप्रैल 1999 की रात पब में गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई. जेसिका लाल के क़त्ल का इल्ज़ाम मनु शर्मा पर लगा. मगर सात साल तक चले मुक़दमे के बाद अदालत ने मनु शर्मा को बरी कर दिया.
मगर अदालत का यह फैसला लोगों को गुस्से की वजह बन गया. दिल्ली में जेसिका के हत्यारे को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए आंदोलन भड़क गया. तब जस्टिस फॉर जेसिक और नो वन किल्ड जेसिका जैसे नारे आंदोलन का प्रतीक बन गए थे जिसकी अगुवाई जेसिका की बहन सबरीना लाल कर रही थीं. वीडियो देखिए इसका असर यह हुआ कि दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत का फ़ैसला पलटते हुए मनु शर्मा को दोषी क़रार दिया और उन्हें उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई. 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने भी मनु शर्मा की सज़ा को बरक़रार रखा. मनु शर्मा हरियाणा का एक नामी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता विनोद लाल शर्मा कांग्रेस के केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. शर्मा का परिवार कई मीडिया संस्थान, होटल और रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़ा हुआ है. माना जाता है कि इस केस में दौलत और राजनीतिक रसूख होने का फायदा मनु शर्मा को ख़ूब मिला. उन्हें बार-बार पैरोल मिलती रही. एक बार तो उनपर पैरोल के दौरान क्लब में मार-पीट के आरोप भी लगे थे.
मगर अदालत का यह फैसला लोगों को गुस्से की वजह बन गया. दिल्ली में जेसिका के हत्यारे को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए आंदोलन भड़क गया. तब जस्टिस फॉर जेसिक और नो वन किल्ड जेसिका जैसे नारे आंदोलन का प्रतीक बन गए थे जिसकी अगुवाई जेसिका की बहन सबरीना लाल कर रही थीं. वीडियो देखिए इसका असर यह हुआ कि दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत का फ़ैसला पलटते हुए मनु शर्मा को दोषी क़रार दिया और उन्हें उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई. 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने भी मनु शर्मा की सज़ा को बरक़रार रखा. मनु शर्मा हरियाणा का एक नामी परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता विनोद लाल शर्मा कांग्रेस के केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. शर्मा का परिवार कई मीडिया संस्थान, होटल और रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़ा हुआ है. माना जाता है कि इस केस में दौलत और राजनीतिक रसूख होने का फायदा मनु शर्मा को ख़ूब मिला. उन्हें बार-बार पैरोल मिलती रही. एक बार तो उनपर पैरोल के दौरान क्लब में मार-पीट के आरोप भी लगे थे.
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