एनडीपीपी-बीजेपी शासित नागालैंड अगले 6 महीने के लिए 'अशांत क्षेत्र' घोषित
केंद्र सरकार ने एनडीपीपी-बीजेपी शासित प्रदेश नागालैंड को अगले छह महीने के लिए 'अशांत क्षेत्र' घोषित कर दिया है। गृह मंत्रालय से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक केंद्र सरकार की राय है कि पूरा नागालैंड राज्य इतनी परेशान करने वाली और ख़तरनाक स्थिति में है कि नागरिकों की सहायता के लिए सशस्त्र बलों को शक्तियां देना आवश्यक है।
इससे पहले 16 जून को नागालैंड के राज्यपाल आर.एन. रवि ने राज्य के मुख्यमंत्री नीफिउ रियो को एक पत्र लिखा था और कहा था की "राज्य में परिस्तिथि गंभीर है" और "कानून और व्यवस्था ध्वस्त हो गई है"। राज्यपाल ने चार पन्नों के पत्र में कहा था कि संवैधानिक रूप से चुनी गई राज्य सरकार को सशस्त्र गिरोहों द्वारा हर दिन चुनौती दी जा रही है जो राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता पर सवाल उठाते हैं, जबकि कानून व्यवस्था निष्क्रिय हो गयी है।
उन्होंने अपने पत्र में आगे कहा था कि आधा दर्जन से अधिक संगठित और सशस्त्र गिरोह राज्य में एक समांतर सरकार चला रहे हैं जिसे राज्य सरकार और कानून से किसी भी प्रकार का विरोध का सामना नहीं करना पड़ रहा है। इस प्रणाली से जनता द्वारा चुनी गई सरकार में लोगों का विश्वास डीग रहा है। बता दें, 60 सीटों वाली नागालैंड विधानसभा में 20 विधायक एनडीपीपी के पास है और 13 बीजेपी के पास। फ़िलहाल राज्य में इन्हीं दोनों पार्टियों की मिली जुली सरकार है। नागालैंड में पिछले 6 दशकों से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) लागू है। AFSPA सशस्त्र बलों को तलाशी, गिरफ्तारी और गोली चलाने की शक्तियां देता है यदि उन्हें किसी प्रकार का खतरा लगता है तो। 3 अगस्त, 2015 को नागा विद्रोही समूह नेशनलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के महासचिव थुइन्गालेंग मुइवा और सरकारी वार्ताकार आर.एन. रवि के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद भी AFSPA को वापस नहीं लिया गया था।
उन्होंने अपने पत्र में आगे कहा था कि आधा दर्जन से अधिक संगठित और सशस्त्र गिरोह राज्य में एक समांतर सरकार चला रहे हैं जिसे राज्य सरकार और कानून से किसी भी प्रकार का विरोध का सामना नहीं करना पड़ रहा है। इस प्रणाली से जनता द्वारा चुनी गई सरकार में लोगों का विश्वास डीग रहा है। बता दें, 60 सीटों वाली नागालैंड विधानसभा में 20 विधायक एनडीपीपी के पास है और 13 बीजेपी के पास। फ़िलहाल राज्य में इन्हीं दोनों पार्टियों की मिली जुली सरकार है। नागालैंड में पिछले 6 दशकों से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) लागू है। AFSPA सशस्त्र बलों को तलाशी, गिरफ्तारी और गोली चलाने की शक्तियां देता है यदि उन्हें किसी प्रकार का खतरा लगता है तो। 3 अगस्त, 2015 को नागा विद्रोही समूह नेशनलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड के महासचिव थुइन्गालेंग मुइवा और सरकारी वार्ताकार आर.एन. रवि के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में हुए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद भी AFSPA को वापस नहीं लिया गया था।
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